रविकान्त सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले के जनकपुर को नगर पंचायत बनाये जाने के बाद सामान्य वर्ग से अध्यक्ष बनाने को लेकर सरपंच, जनपद अध्यक्ष और सदस्य द्वारा विरोध किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि, अभी सरपंच का कार्यकाल 5- 6 महीने बचा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद सरपंच कार्यकाल को भंग कर दिया गया और मनमानी तरीके से भाजपा के संगठन से ही एक व्यक्ति को नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर बैठा दिया गया है। जिसको लेकर आज पूरे जनपद के सदस्यों और अध्यक्ष के द्वारा एक समान सभा की बैठक की विरोध प्रदर्शन किया गया।
एमसीबी जिले में भरतपुर विकासखंड के जनकपुर ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में तब्दील होने पर राज्य सरकार ने अशोक सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। जिसको लेकर दिन- प्रतिदिन विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। भरतपुर जनपद अध्यक्ष और उनके सदस्य और सरपंच के द्वारा विरोध किया जा रहा है। भरतपुर के जनकपुर को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बना दिया गया है। इसकी खुशी तो वहां के लोगों मे है। लेकिन अभी सरपंच का कार्य काल बाकी होने से लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि, अध्यक्ष पद के लिये एक आदिवासी महिला के लिए यह पद आरक्षित होता है। वहां एक सामान्य वर्ग के व्यक्ति को अध्यक्ष पद में बैठा दिया गया है।
जनपद सदस्य सुखलाल सिंह बोले- आदिवासी महिला को बनना चाहिए अध्यक्ष
जनपद सदस्य सुखलाल सिंह मरावी ने बताया कि, अभी जो नगर पंचायत बनाया गया है। वह पूर्व में ग्राम पंचायत था जो मनोनीत सदस्य उसमें अध्यक्ष बने हैं या पार्षद बने हैं। वह नियम विरुद्ध है पूर्व में जो ग्राम पंचायत के सरपंच या पंच थे। उन्हीं को मनोनीत करना चाहिये था, इसका हम घोर विरोध एवं निंदा करते हैं। हमारी मांगे पूरी होनी चाहिए। यहां आदिवासी महिला को अध्यक्ष बनना चाहिए था, लेकिन नहीं बनाया गया। आज हमने प्रस्ताव में पारित भी किया है। जनपद पंचायत सभा कक्ष में की पूर्व में जो महिला सरपंच थी उसी को मनोनीत कर देना चाहिये।
पूरा नहीं हुआ है कार्यकाल
जनपद सदस्य माया प्रताप सिंह ने कहा कि, अभी पूरा कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। एक आदिवासी महिला सरपंच थी और उसका पूरा कार्यकाल नहीं हुआ है।इसलिए एक आदिवासी महिला को ही मनोनीत किया जाना चाहिए।
पंचायत अध्यक्ष ने विरोध में किया प्रस्ताव पारित
जनपद पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी ने कहा कि, आज हमने अपनी सामान्य सभा की बैठक की है। मेरे साथ मेरे पांचो सभापति और पूरे 18 जनपद सदस्य है. जन प्रतिनिधि के रूप में मैं एक आदिवासी महिला बनी थी। आज मैं बहुत दुख व्यक्त करती हूं कि, जो हमारे नगर पंचायत जनकपुर को बनाया गया है वो अच्छा है। लेकिन उसमें जो मनोनीत किया गया है, हमारे त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल 4-5माह बचा हुआ है और वहा की सरपंच एक आदिवासी महिला है जयमनिया बैगा सरपंच पद पर हैं। उनके कार्यकाल को भंग करके एक संगठन के व्यक्ति को मनोनीत किया गया है। हम सभी आज अपने सभा कक्ष में बैठक रख प्रस्ताव पारित किया है। जिसमें मेरे सभी जनपद सदस्य सभा पति एक प्रस्ताव रखे हैं कि एक आदिवासी महिला का शोषण किया जा रहा है मैं मांग करती हूं। शासन प्रशासन से एक आदिवासी महिला के साथ बहुत अन्याय हुआ है। हम इसका विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि एक आदिवासी महिला को मनोनीत किया जाए।