रविकांत सिंह राजपूत- कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया में पिता के निधन के बाद नाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी जिला प्रशासन संभालेगी। बीमार पिता के जाने के बाद जिला प्रशासन की टीम ने संज्ञान लेते हुए  स्वास्थ्य, शिक्षा, सहित अन्य जरुरी सुविधाओं को मुहैया कराने का निर्णय लिया है। साथ ही जिले के अन्य अनाथ बच्चों की जानकारी जुटाकर उनको मुख्य धारा में लाने की भी तैयारी की जा रही है। 

ग्राम जामझरिया पंडोबस्ती में एक परिवार के सिर से पिता का साया क्या उठा, तीन छोटे बच्चों के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को जानकारी मिलते ही प्रशासनिक टीम बच्चों का सहारा बनने के लिए घर पहुंची। इस दौरान टीम ने गांव वालों से परिवार की स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन की टीम तत्काल बच्चों को सुपुर्द में लेकर उनके तमाम इंतजाम की तैयारी में लग गई है। सबसे पहले बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। 

जिला प्रशासन की टीम निरीक्षण करते हुए

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जिला प्रशासन ने ली जिम्मेदारी 

जिला प्रशासन सहारा बनकर अनाथ बच्चों के लालन पालन से लेकर स्वास्थ्य ,शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का पहल करेगी। जामझरिया के 300 जनसंख्या वाली पंडोबस्ती में बुनियादी सुविधाओं की कमी की जानकारी मिलते ही प्रशासन सभी पहलुओं पर नजर बनाए हुए है। प्रशासन की गठित संयुक्त टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। हाल ही में समस्याओं को जानने शिविर का आयोजन भी किया गया।

अनाथ बच्चों को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने की तैयारी 

समस्या का त्वरित निराकरण करते हुए भविष्य में मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने के लिए प्रतिवेदन तैयार किया जा चुका है। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में अनाथ हुए बच्चों के परिवार की माली हालत पर प्रशासन की पूरी निगरानी थी। बीते कुछ माह पहले पीएम आवास योजना के तहत त्वरित रूप से पक्का मकान उपल्ब्ध करवाया गया। इसके लिए आसापास के लोग, ग्राम पंचायत भी सहयोग कर रहा था।