रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड बांटा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले शुरू की गई इस योजना के तहत सवा 2 करोड़ लोगों को अपने घर का पक्का कानूनी प्रमाण मिला है। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा तथा गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी महासमुंद से जुड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ लाभार्थियों से बातचीत भी की। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से लोगों को ऋण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण भूमि डिजिटलीकरण प्रौद्योगिकी और सुशासन की शक्ति का लाभ उठाकर ग्रामीण सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहा है
वर्चुअल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से शामिल हुए सीएम
पीजी कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। दरअसल, स्वामित्व योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से वर्चुअली देशभर के 50 हजार गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया एवं लाभार्थी कार्ड धारकों के साथ संवाद भी किया। महासमुंद के 128 गांवों के 10850 लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड वितरण होने है। सीएम साय ने सांकेतिक तौर पर 37 हितग्राहियों को उनके स्वामित्व कार्ड वितरित किए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गांव के गरीब और किसान के लिए काम कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा और दूरदर्शी सोच के अनुरूप सरकार ने स्वामित्व योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मजबूती से कदम उठाए हैं। यह योजना न केवल एक ऐतिहासिक पहल है, बल्कि ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने का माध्यम भी है। सामाजिक स्थिरता और न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करता हैः मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संपत्ति के अधिकार केवल भूमि और अन्य संसाधनों के कानूनी स्वामित्व तक सीमित नहीं हैं, ये व्यक्तियों और समुदायों को आत्मनिर्भरता, स्थिरता और सम्मानित जीवन का आधार प्रदान करते हैं। विशेष रूप से, हमारे समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के लिए यह अधिकार उनकी आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। भूमि प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाना हमारी प्राथमिकता है। भूमि की सीमाओं का स्पष्ट सीमांकन न केवल विवादों को रोकने में सहायक है, बल्कि सामाजिक स्थिरता और न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करता है।
संपत्ति कार्ड योजना
संपत्ति कार्ड योजना केंद्र की ओर से चलाई जाने वाली सरकारी स्कीम है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को 9 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी। इस योजना में ड्रोन तकनीक के जरिए जमीनों की मैपिंग और मालिकों का एक रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। इसके बाद संपत्ति के मालिकों को एक कार्ड मुहैया कराया जाता है। इसका लक्ष्य ग्रामीणों को संपत्तियों का मालिकाना हक दिलाना है। 31 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अभी तक इस योजना के तहत हैं।
योजना के बड़े फायदे
- इसका मुख्य उद्देश्य संपत्ति से जुड़े विवादों में कमी लाना और जमीनों का सटीक रिकॉर्ड रखना।
- ग्रामीणों को लोन और वित्तीय लाभ के लिए अपनी संपत्ति को फाइनेंशियल असेट के लिए यूज में लाना।
- इस योजना से जो भी प्रॉपर्टी टैक्स मिलेगा, वह पंचायत या राज्य के कोष में शामिल होगा।