रायपुर।  धान खरीदी केंद्रों में चौथे दिन भी धान खरीदी की व्यवस्था सुधर नहीं पाई है। टोकन कटने के बाद भी किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि टोकन कटने की तारीख से 3 से 7 दिन बाद धान बेचने के लिए किसानों को बुलाया जा रहा है। इस मामले में समितियों का कहना है कि, शासन द्वारा निर्धारित नियम के तहत ही किसानों का टोकन और धान बेचने की तारीख दी जा रही है। ऑनलाइन टोकन लेने वाले किसान को धान बेचने के लिए 7 दिन के बाद तथा सोसाइटी में ऑफलाइन टोकन कटाने वाले किसान को 3 दिन के बाद की तारीख दी जा रही है।

समितियों का यह भी कहना है कि,  त्योहार और धान की कटाई के कारण पर्याप्त हमाल काम करने नहीं आ रहे हैं। इसके कारण भी धान खरीदी में दिक्कत आ रही है। हरिभूमि ने गुरुवार को रायपुर जिले के करीब आधा दर्जन धान उपार्जन केंद्रों में जाकर लाइव पड़ताल की। इस पड़ताल से पता चला कि आखिर किसानों को टोकन लेने और धान बेचने में दिक्कत क्यों आ रही है। सहकारी सोसाइटियों में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी का गुरुवार को चौथा दिन था। पिछले तीन दिनों के दौरान सोसाइटियों में किसानों को टोकन जारी नहीं करने संबंधित खबर हरिभूमि द्वारा प्रकाशित की गई। 

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इस खबर के बाद उप पंजीयक द्वारा जिला सहकारी बैंकों के व्यवस्थापकों एवं सहकारी समितियोंके प्रबंधकों की विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर टोकन काटने संबंधित समस्याओं का काटने संबंधित समस्याओं का निराकरण कर तत्काल टोकन जारी करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी सरकारी सोसाइटियों में टोकन काटने का सिस्टम सुधर नहीं पाया है। सोसाइटियों ने 2 दिसंबर तक टोकन काटने के बाद टोकन काटना बंद कर दिया है। सोसाइटी प्रबंधकों का कहना है कि पोर्टल के नियम के तहत जिन किसानों के टोकन काटे गए हैं, उन सभी को धान बेचने के लिए समय दिया गया है, जिसके कारण फिलहाल टोकन काट नहीं रहे हैं।

केस - 1

ग्राम दंतरेंगा सेजबहार से करीब 2 किलोमीटर दूर ग्राम खिलोरा स्थित सहकारी सोसाइटी के प्रबंधक रामनरेश यादव ने बताया कि इस बार टोकन जारी करने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि नियम में संशोधन किया गया है। इसके कारण किसान को टोकन जारी करने के 3 से 7 दिन के बाद धान बेचने के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है, जबकि 4 दिन में 86 किसानों को टोकन जारी किया गया है। इस टोकन की तुलना में अब तक 3329 क्विंटल ही धान खरीदा गया है, वहीं शेष धान के लिए किसानों को आगामी दिनों की तारीख दी गई है। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर तक धान खरीदी के लिए टोकन जारी कर दिया है, इसलिए फिलहाल टोकन जारी नहीं कर रहे हैं।

केस - 2

ग्राम दंतरेंगा सहकारी सोसाइटी के प्रबंधक जयकुमार सपहा ने बताया कि पोर्टल नियम के तहत ही सोसाइटी में किसानों को टोकन जारी किया जा रहा है और नियम के तहत ही किसानों से धान खरीदा जा रहा है। उन्होंने बताया कि नया नियम से किसानों को धान बेचने में दिक्कत आ रही है। इससे पूर्व वर्षों में टोकन कटाने के बाद किसान अपनी सुविधानुसार धान बेचने सोसाइटी पहुंचता था, लेकिन अब किसान को 3 से 7 दिन इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नियम में संशोधन करने से टोकन भी जारी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि नियम के तहत चालू माह के लिए टोकन कट चुके हैं। ऐसे में अब नये टोकन 2 दिसंबर के बाद ही जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि अभी हमाल भी कम संख्या में काम करने आ रहे हैं। सोमवार से सभी हमाल काम पर आना शुरू कर देंगे।

केस - 3

सेजबहार सहकारी सोसाइटी के विजय ठाकुर ने बताया कि,  एक दिन में अधिकतम 124 कट्टा धान खरीदना निर्धारित है, लेकिन नए नियम और हमाल नहीं आने के कारण 39 कट्टा धान की ही खरीदी हो पा रही है। उन्होंने बताया कि इस बार 31 मार्च 2025 तक धान उठाव का टारगेट रखा गया है। नए नियम और उठाव के टारगेट को देखते हुए लग रहा है कि इस बार सोसाइटियों में धान की खरीदी भी लंबे समय तक चलेगी।

ऑनलाइन टोकन पर 7 दिन, ऑफलाइन कटाने पर 3 दिन बाद का समय

सोसाइटियों के प्रबंधकों ने बताया कि,  आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत ऑनलाइन माध्यम से टोकन लेने वाले किसान को धान बेचने के लिए एक सप्ताह बाद का समय दिया जा रहा है तथा ऑफलाइन टोकन कटाने वाले किसान को 3 दिन के बाद का समय दिया जा रहा है। प्रबंधकों ने बताया कि नये नियम में प्रतिदिन 70 प्रतिशत छोटे किसानों एवं 30 प्रतिशत बड़े किसानों से धान खरीदी की जानी है।

हमालों के कारण भी धान खरीदी प्रभावित

सोसाइटियों का कहना है कि,  त्योहार और धान कटाई कार्य के कारण सोसायटियों में काम करने वाले हमाल आ नहीं है। किसी सोसाइटी में 10 हमाल काम करते हैं तो वहां अभी 3 से 4 हमाल ही काम पर आ रहे हैं। इसके कारण भी सोसाइटियों में धान की खरीदी करने में दिक्कत आ रही है।