14 से धान खरीदी : सहकारी समिति के कर्मचारी 4 नवंबर से करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल

Paddy procurement, cooperative society employees, 4 November indefinite strike
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राज्य शासन द्वारा प्रदेशभर में 14 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ करने की तैयारी
प्रदेशभर की 2058 सहकारी समिति में कार्यरत 13 हजार कर्मचारियों ने अपने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।

रायपुर। प्रदेशभर की 2058 सहकारी समिति में कार्यरत 13 हजार कर्मचारियों ने अपने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी प्रत्येक समिति को प्रति वर्ष 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि प्रदान करने, सेवानियम 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2023-24 में धान संग्रहण के बाद हुई संपूर्ण सूखत को मान्य करते आगामी वर्ष के लिए धान खरीदी नीति में 16.9 फीसदी सूखत मान्य का प्रावधान करने की मांग की गई है। वहीं राज्य शासन द्वारा प्रदेशभर में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ करने की तैयारी है।

छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर प्रदेशभर की सहकारी समिति के 13 हजार कर्मचारियों ने अपने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू का कहना है, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक तरफ जहां प्रदेश की सहकारी समितियों में 14 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ करने की तिथि घोषित की गई है, वहीं दूसरी ओर विडंबना ये है कि पिछले साल की धान खरीदी का कमीशन अब तक नहीं मिला। बारदाना की राशि, ब्याज अनुदान की राशि अभी तक समितियों को प्राप्त नहीं हुई है। इसके कारण धान खरीदी की तैयारी सहित कर्मचारियों को दीपावली पूर्व वेतन मिलना दूभर हो गया है। कर्मचारियों का ये भी कहना है कि लंबित मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, खाद्य मंत्री सहित सहकारिता सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर ध्यान आकर्षित करा चुके हैं, इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। धान खरीदी नीति का आदेश हो गया है, जिसमें 72 घंटे में धान उठाव का प्रावधान था, उसे हटा दिया गया है।

महासंघ द्वारा जनदर्शन में भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा गया कि धान खरीदी में सूखत नहीं तो धान खरीदी का बहिष्कार किया जाएगा, पर अभी तक इस दिशा में पहल नहीं की गई। इससे प्रदेश के 13 हजार कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। लंबित मांग पूरी नहीं होने पर 4 नवंबर से सहकारी समितियों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे। कर्मचारियों का कहना है, उनकी इस हड़ताल से प्रदेश में धान खरीदी, रबी फसल के ऋण वितरण, राशन वितरण प्रभावित होगा।

इस तरह से चला चरणबद्ध आंदोलन

  1. 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक 33 जिलों के सहकारी समितियों में काली पट्टी लगाकर किया काम।
  2. 21 व 22 अक्टूबर को 2 दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालयों में धरना, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन।
  3. 23 अक्टूबर से 3 नवंबर तक समिति मुख्यालय में भोजन अवकाश के बाद नारेबाजी व प्रदर्शन ।
  4. 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं इसलिए संभाग स्तर पर धरना प्रदर्शन।
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