गणेश मिश्रा-बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 10 मई को पीडिया के जंगलों में तकरीबन 12 घंटे तक चले मुठभेड़ के बाद जवानों ने 12 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की थी। घटनास्थल से हथियार समेत 12 शव भी बरामद किए गए थे। इस मुठभेड़ के बाद हकीकत की पड़ताल के लिए हमारे सहयोगी चैनल INH 24 की टीम मुठभेड़ की सच्चाई जानने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंची। जहां ग्रामीणों ने इसे फेक बताया है। 

रोती- बिलखती मिली महिलाएं 

हमारे सहयोगी चैनल INH24 की टीम दिन भर के सफर के बाद देर शाम करीब 7 बजे पीडिया गांव पहुंची। जहां रात बिताने के बाद ग्रामीणों की मदद से उन स्थलों तक पहुंच पाई। जहां पर नक्सलियों के साथ जवानों ने मुठभेड़ का दावा गया किया था। मुठभेड़ स्थल पर बड़ी संख्या में रोती बिलखती महिलाओं के साथ ग्रामीण भी पहुंचे थे। इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े करते हुए इसे फर्जी बता रहे हैं। हालांकि, 10 मई को हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने जो जानकारी मीडिया से साझा की थी। उसे हम आपको दिखा चुके हैं।

ग्राउंड जीरो पर पहुंची हमारी टीम 

पीडिया मुठभेड़ को लेकर ग्रामीणों की बातों को सुनना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि नक्सलवाद से निर्णायक लड़ाई के सरकारी दावों के बीच इस जंग में बस्तर के आदिवासी कैसी दहशत में जी रहे हैं। इसे जानना भी बेहद जरूरी है। इसीलिए inh 24 की टीम ग्रामीणों के साथ ग्राउंड जीरो तक पहुंची। जब हम ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो पुलिसिया दावों के ठीक विपरीत ग्रामीणों ने बताया कि, तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान जवानों ने ग्रामीणों को घेर लिया था और उन पर गोलियां बरसाई गई। जिसके चलते नक्सलियों की नहीं बल्कि ग्रामीणों की मौत हुई है। 

एसपी बोले- यह नक्सलियों का षड्यंत्र, हमारे पास सबूत मौजूद 

इस पूरे मामले पर बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने ग्रामीणों के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि, यह पूरी तरह से नक्सलियों का रचाया हुआ षड्यंत्र है। पीडिया मुठभेड़ में जो लोग मारे गए हैं वह सभी के सभी नक्सली थे और उनसे जुड़े हुए सभी तथ्य और पुख्ता सबूत पुलिस के पास मौजूद हैं। 

गांव में मिला युवक, जिसे लगी है तीन गोलियां 

देर शाम को Inh 24 की टीम जब पीडिया पहुंची तो सबसे पहले हमारी मुलाकात एक ऐसे घायल युवक से हुई। जिसे ग्रामीण चारपाई में लादकर घुमा रहे थे। बताया जा रहा है कि, मुठभेड़ के दौरान ही युवक को तीन गोलियां लगी थी। Inh 24 किसी भी तरह इसकी पुष्टि नहीं करता कि, युवक को लगी गोलियां पुलिस की हैं या नक्सलियों की। 

पुलिस के भय से युवक को नहीं ले जा रहे अस्पताल 

लेकिन आदिवासी युवक के पैरों में तीन गोलियां लगी है और इस वक्त भी वह घायल अवस्था में पीडिया में ही मौजूद है। जिसे इलाज की सख्त आवश्यकता है। लेकिन ग्रामीण पुलिस के भय से उसे इलाज के लिए जिला मुख्यालय लाने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, मुठभेड़ के बाद 100 से अधिक लोगों को पुलिस अपने साथ गिरफ्तार कर ले गई है। जिनमें से नाबालिगों को छोड़ दिया गया जबकि अब भी 70 से अधिक ग्रामीणों को रिहा नहीं किया गया है।