रायपुर। देश के ग्रेड 'ए' श्रेणी में शामिल राजधानी के रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट की तर्ज पर पिक एंड ड्रॉप का सिस्टम तो रेलवे प्रशासन ने लागू कर दिया है, लेकिन व्यवस्था और सुविधाओं में सुधार अभी तक नहीं हुआ है। यही वजह है कि रेलवे स्टेशन पर अपने परिजनों में छोड़ने पहुंच रहे लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। नए सिस्टम से स्टेशन परिसर में गाड़ियों का लंबा जाम लग रहा है, जिसमें यात्री फंस रहे और उनकी ट्रेन भी छूट रही है। जानकारी का अभाव होने से बाइक, कार और ऑटो चालकों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है।  

हरिभूमि टीम पिक एंड ड्रॉप सिस्टम  का जायजा लेने स्टेशन पहुंची। नियमानुसार स्टेशन में 7 मिनट तक पार्किंग शुल्क फ्री है, लेकिन प्रवेश के दौरान यात्रियों को जो पार्किंग किराए की पर्ची दी जा रही है, उसमें समय ही नहीं लिखा हुआ है। अर्थात यात्री ने स्टेशन में कब प्रवेश किया यह पता ही नहीं है। उधर दूसरी ओर बाहर निकलने पर यात्रियों से 10 रुपए वसूला जा रहा है। इसी अव्यवस्था को लेकर गुरुवार को स्टेशन में पार्किंग कर्मचारी और यात्रियों के बीच विवाद भी देखने को मिला नया सिस्टम होने से कई यात्रियों को जानकारी देकर छोड़ा गया, तो कई ऐसे यात्रियों से भी पैसा वसूला गया, जिनकी पर्ची में प्रवेश का समय ही नहीं लिखा था। नए सिस्टम में 50 कर्मचारी की जरूरत है, लेकिन पूरा सिस्टम दर्जन कर्मचारी के भरोसे हैं। इस वजह से तत्काल पर्ची नहीं मिल रही। सड़कों पर जाम लग रहा है।

यात्रियों को दे रहे मेनुअल पर्ची

पार्किंग संचालक अभी यात्रियों को मेनुअल पर्ची दे रहे हैं, जिसमें नए सिस्टम का नियम लिखा हुआ है, लेकिन एयरपोर्ट की तर्ज पर पिक एंड ड्रॉप का सिस्टम तभी सही ढंग से लागू हो पाएगा, जब यात्रियों को कंप्यूटरीकृत पार्किंग पर्ची दी जाएगी और समय प्रवेश का लिखा जाएगा। सभी गाड़ियों पर नजर रखने प्रत्येक बूथ बैरियर पर अभी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। नए रेट लिस्ट की सूची भी स्टेशन में देखने को नहीं मिल रही।

दिनभर होता रहा विवाद

गुरुवार को रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नए सिस्टम में यात्री परेशान रहे। दिनभर यात्रियों और पार्किंग कर्मचारी के बीच यही बहस होती रही कि जब पर्ची पर समय लिखा ही नहीं, तो कैसे कर्मचारी को मालूम चलेगा हम 7 मिनट में परिजन को छोड़कर बाहर निकल रहे। सभी यात्रियों से पैसा वसूला जा रहा है। जानकारी के अभाव में ज्यादातर बाइक संचालक ने 10, तो वहीं कार चालक ने 20 रुपए किराया दिया। स्टेशन में दिनभर में 2 हजार से अधिक गाड़ियां पहुंचती हैं।

पर्ची में समय लिखने की फुर्सत नहीं

रेलवे स्टेशन में पहले आरक्षण केंद्र और मंदिर की ओर से यात्री प्रवेश लेते थे, लेकिन नए सिस्टम से अब प्रवेश केवल आरक्षण केंद्र की ओर से दिया जा रहा है।5 मिनट में एक साथ 25 से 30 गाड़ियां स्टेशन पहुंच रही हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों के समय यह संख्या 50 तक पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में सभी गाड़ी चालकों को एक साथ पर्ची में समय लिखकर देने का समय पार्किंग कर्मचारियों के पास नहीं है। जिन यात्रियों को ट्रेन में सफर करना है, वे एक मिनट भी गेट पर रुकना नहीं चाहते। खास बात यह भी है कि जो कर्मचारी यात्रियों को पर्ची दे रहे हैं, उसे ही समय का पता नहीं है। हाथों में घड़ी नहीं है। केवल यात्रियों को पर्ची थमाया जा रहा है।

शिकायत करें

 रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम डॉ. विपिन वैष्णव कि, अगर पर्ची में समय नहीं लिखा हुआ है, तो पार्किंग कर्मचारी को पैसा मत दीजिए। तत्काल 139 में कॉल करें। इसके साथ ही स्टेशन निदेशक को इसकी शिकायत करें। पार्किंग संचालक को पर्ची में समय लिखकर देने का नियम है।