रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत केंद्र सरकार ने 15 हजार नए आवास की मंजूरी मिली है। इसके लिए राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए आवास को स्वीकृत करते हुए मंत्रालय ने सूची भी भेजी है। वहीं सीएम विष्णु देव साय ने नए आवासों की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहरों के लिए नए आवासों की स्वीकृति पर केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि, राज्य में जल्दी ही हर गरीब के पक्के मकान का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आवासों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकार अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुँचाना सुनिश्चित करेगी।

त्वरित क्रियान्वयन के दिए निर्देश 

छत्तीसगढ़ को मार्च-2025 तक 15 हजार नए आवास आवासों की स्वीकृति के साथ ही नए आवासों को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तुरंत क्रियान्वयन का भी उल्लेख है। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य शासन को पात्र हितग्राहियों का परीक्षण करते हुए विधिवत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं। 

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नवंबर से शुरू हो चुका है रैपिड असेसमेंट सर्वे 

भारत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में सबके लिए आवास मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का क्रियान्वयन 1 सितम्बर 2024 से प्रारंभ किया गया है। इसके तहत कमजोर आय वर्गों, निम्न आय वर्गों और मध्यम आय वर्गों के शहरी गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को किफायती दरों पर आवास निर्माण, खरीदी या किराए पर उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ में योजना को सभी नगरीय निकायों में लागू करते हुए भारत सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल पर हितग्राही सर्वेक्षण कार्य (रैपिड असेसमेंट सर्वे) 15 नवम्बर से प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वेक्षण के दौरान हितग्राहियों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज की जा रही है।

डिप्टी सीएम साव ने जताई ख़ुशी 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नए आवासों की स्वीकृति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार हर पात्र परिवार को आवास दिलाने प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी नगरीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों तक योजना का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। साव ने वर्तमान में चल रहे हितग्राही सर्वेक्षण के दौरान अनिवार्य दस्तावेजों की कमी के कारण आवेदनों को तत्काल निरस्त नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दस्तावेजों की पूर्ति के लिए संबंधित परिवारों को पर्याप्त समय देने के साथ ही नगरीय निकायों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने हरसंभव प्रयास करने को कहा है।