रायपुर। मुख्यमंत्री साय पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने श्रद्धांजलि उद्बोधन में कहा कि, पुलिस स्मृति दिवस अमर शहीदों की अमर गाथा को सुनने का दिन है। उनके शौर्य को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का दिन है। विकास के रास्ते में नक्सलवाद बड़ा अवरोध है। 

सुरक्षाबल के जवान नक्सलवाद का मुकाबला कर रहे हैं। उन्हें पीछे धकेल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में आने वाले दो सालों के भीतर नक्सल उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। जवानों के कौशल से इस लक्ष्य की प्राप्ति होगी।  

कोरिया जिले में भी मनाया गया पुलिस स्मृति दिवस

वहीं कोरिया जिले में भी 21 अक्टूबर को जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित पुलिस ग्राउंड में पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया, जिसमें कोरिया एसपी सूरज सिंह परिहार, कलेक्टर चंदन त्रिपाठी और विधायक भैयालाल राजवाड़े ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस आयोजन का उद्देश्य उन वीर पुलिसकर्मियों को सम्मानित करना है, जिन्होंने देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान अपनी जान गंवाई। 

शहीदों के बलिदान को याद किया गया 

पुलिस स्मृति दिवस उन शहीदों की याद में मनाया जाता है, जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दे गए। 21 अक्टूबर 1959 को भारत-चीन सीमा पर 10 जवान शहीद हुए थे। आज पुलिस स्मृति दिवस पर देश के खातिर प्राण न्योछावर करने वाले पुलिस शहीदों के बलिदान को याद किया गया।