रायपुर- शराब घोटाला को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दे दिया है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है। इस मसले पर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है। दरअसल, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा समेत 6 आरोपियों को बड़ी राहत दे दी गई है। लेकिन इस फैसले के बाद पूर्व CM भूपेश बघेल भाजपा पर बरसते हुए नजर आए हैं।
बता दें, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने BJP सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि, ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ है। केंद्र की मोदी सरकार बेनकाब हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया है कि, ED हर बार BJP के इशारे पर मनी लॉण्ड्रिंग केस बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
BJP झूठ फैला रही थी
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि, विधानसभा चुनाव के वक्त ED ने शराब घोटाले का मामला दर्ज किया था। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि, BJP झूठ फैला रही थी। केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने का षडयंत्र रचा है।
जांच एजेंसियों को भी समझना चाहिए
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, जो भी मामले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए खड़े किए गए, वो भी इसी तरह से धराशाई होंगे। यह सही समय है, ED जैसी जांच एजेंसियों को भी इस तरह का षडयंत्र समझना चाहिए। उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, वे किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनें।
इन्हें मिली राहत
रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा के साथ करिश्मा ढेबर, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया ने सह याचिकाकर्ता हैं। दरसअल, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि, जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानी ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की।