जीवानंद हलधर/जगदलपुर- लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही भाजापा के 43 कार्यकर्ताओं को X श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने भी सुरक्षा की मांग करना शुरू कर दिया है। इस मामले में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, भाजपा अपने घर को ही सुरक्षित कर रही हैं। जबकि कांग्रेस शासन काल मे बिना भेदभाव करते हुए सभी को सुरक्षा दी गई थी। लेकिन सरकर बदलते ही भाजपा ने अपने हो कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर कांग्रेस नेताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है।
नक्सलियों ने कांग्रेसियों को टारगेट किया था
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने झीरम घाटी की घटना को याद दिलाते हुए बताया कि, बीते 15 सालों में सबसे ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेसियों को टारगेट किया था। नक्सल इलाकों में रहने वाले कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ राज्य सरकार भेदभाव कर रही हैं। इस बयान के बाद भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज सुरक्षा के मामले में राजनीति कर रहे हैं। किसी की सुरक्षा हटाई नहीं गई है और ना किसी के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जो सुरक्षा के दायरे में आता है, उन सभी को सुरक्षा दी जायेगी। 5 साल तक नक्सली खामोश थे और अब जब केम्प खोलने से बौखलाहट में आकर बिजेपी नेताओं को टारगेट कर रहे हैं। लेकिन सरकार उन सभी इलाकों में पहुंच कर नक्सल मुक्त करने की कोशिश की जा रही हैं।
कांग्रेस की दो महिला पार्षदों ने पार्टी छोड़ी
लोकसभा चुनाव से पहले जगदलपुर में कांग्रेस में इस्तीफे के बौछार शुरू हो गई है। आज नगर निगम की दो महिला कांग्रेसी पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया हैं। दोनों महिला पार्षद कांग्रेस भवन पहुची हैं और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को अपना इस्तीफा थमा दिया हैं। दोनों महिला पार्षदों ने संगठन के पदाधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, जिला अध्यक्ष ने उनका अपमान किया है और तू तड़ाक से बात कर अपमानित किया है।
कमरे में बंद कर दिया था- महिला कांग्रेस पार्षद
उन्होंने बताया कि, 11 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्हें कांग्रेस भवन बुलाया गया था और कमरे में बंद कर बाहर निकलने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद कुछ बोलने पर उन्हें बुरा-भला कहकर बेज्जती भी की गई थी। अविश्वास प्रस्ताव होता तो कांग्रेस के कई पार्षद भाजपा को समर्थन देने की तैयारी में थे। इसी डर से कांग्रेस के अध्यक्ष ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया था। जिसके बाद अब दोनों महिला पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है। साथ ही कहा है कि, उनके साथ काफी समय से पार्टी के बड़े नेता अपमान करते आए हैं।