विरोध में निजी स्कूल : जब तक उत्तीर्ण नहीं हो जाते विद्यार्थी, तब तक मिलते रहेंगे पांचवी-आठवीं में मौके

Private school protest, Secondary Education Board, 5th-8th board exams
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माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली पांचवी- आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश स्तर पर परीक्षाएं आयोजित करेगा।

रायपुर। प्रदेश में पांचवी-आठवीं कक्षा में मौजूदा शैक्षणिक सत्र से विद्यार्थियों के लिए केंद्रीकृत परीक्षा की व्यवस्था लागू कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर पांचवी- आठवीं के लिए भी स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश स्तर पर परीक्षाएं आयोजित करेगा। इसके लिए समय-सारिणी जनवरी अंत तक अथवा फरवरी के प्रथम पखवाड़े में जारी होने की संभावना है। कुछ दिनों पूर्व ही नए नियम लागू किए जाने के कारण सत्र के प्रारंभ से छात्रों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें इस बार केंद्रीकृत परीक्षाएं दिलानी होगी।

निजी स्कूलों द्वारा भी इस आधार पर ही नए नियमों का विरोध किया जा रहा है। लेकिन राहत की बात यह है कि दोनों ही कक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को तब तक मौके दिए जाते रहेंगे, जब तक वे उत्तीर्ण नहीं हो जाते हैं। प्रथम बार होने वाली परीक्षा केंद्रीकृत स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित की जाएगी। इसके बाद की परीक्षाओं का आयोजन विद्यालय स्तर पर होगा अथवा जिला स्तर पर, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि छात्रों के अध्ययन कौशल में आ रही कमी को देखते हुए वर्तमान सत्र से प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया, ताकि छात्र बड़ी कक्षाओं के लिए तैयार हो सकें।

छहमाही के नतीजे अगले सप्ताह

शासकीय विद्यालयों में छहमाही परीक्षाएं ली जा चुकी हैं। शीतकालीन अवकाश के बाद अगले सप्ताह इसके परिणाम जारी किए जाएंगे। इसके आधार पर ही दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए विशेष रणनीति बनेगी। पहली बार दसवीं-बारहवीं के छमाही परीक्षाओं के नतीजों को भी ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। पांचवी और आठवीं के जिन विद्यालयों में छात्रों का प्रदर्शन खराब रहा है, वहां भी कमजोर विद्यार्थियों के लिए स्पेशल कक्षाओं की तैयारी चल रही है। छमाही नतीजे जारी होने के बाद ही इसकी रूपरेखा बनाई जाएगी।

अगले सत्र से बदल सकते हैं नियम

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रों को मिलने वाले मौके सीमित हो सकते हैं। कई वर्ष पश्चात व्यवस्था परिवर्तन करने और मध्य सत्र से लागू किए जाने के कारण इस बार छात्रों को उनके उत्तीर्ण होने तक अवसर दिए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला प्रशासन को पहले ही परीक्षाओं के संदर्भ में विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

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