रायपुर। रायपुर जिले में अहाता के टेंडर में नाम आने के बाद पांच लोगों ने अहाता चलाने से इनकार कर दिया है। इन सभी लोगों ने अहाता का लाइसेंस लेने की समय-सीमा में प्रक्रिया भी पूरी नहीं की। इसके कारण आबकारी विभाग ने अब इन पांचों अहातों का ठेका निरस्त कर दिया है, साथ ही इन लोगों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान कुल बोली राशि का जो 3 प्रतिशत जमा कराया था, उसे भी जब्त कर लिया है। टेंडर में नाम आने के बाद ठेका नहीं लेने पर इन सभी लोगों के नाम भी ब्लैक लिस्टेड की सूची में डाल दिया गया है। इसके बाद ये लोग कभी भी किसी शासकीय टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि ऊंची बोली की वजह से ठेका लेने वालों ने सरेंडर किया है। बिलासपुर में हालत और बुरी है। यहां 64 में 61 ने सरेंडर कर दिया है। इन्होंने पैसा जमा नहीं कराया। आबकारी विभाग की नई नीति के तहत रायपुर जिले में 56 अहातों का टेंडर निकाला गया था। इनमें से एक को छोड़कर 55 अहातों के लिए बोली लगाई गई थी। टेंडर खोलने पर सबसे ज्यादा बोली लगाने वालों को अहाता का ठेका दिया गया है। टेंडर 10 मई को खोला गया था। इसके बाद सभी ठेकेदारों को 2 दिन के भीतर अहाता खोलने के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया करनी थी। इस प्रक्रिया के दौरान ठेकेदारों को कुल ठेके की राशि का 6 प्रतिशत बैंक गारंटी के रूप में जमा कराना था। यह राशि जमा कराने के बाद ही ठेकेदार को लाइसेंस जारी होना था। बैंक गारंटी की राशि जमा करने का 14 मई को अंतिम दिन था। 55 में से 5 अहातों के ठेकेदार लाइसेंस लेने ही नहीं पहुंचे। विभाग ने जब उनसे मोबाइल पर संपर्क किया, तो सभी ने तरह-तरह के बहाने बताते हुए अहाता चलाने से इनकार कर दिया।
इन अहातों का ठेका निरस्त
टेंडर में नाम आने के बाद अहाता चलाने से इनकार करने के बाद देशी उरला अमनपुर, विदेशी सहू, विदेशी कटोरा तालाब विदेशी फाफाडीह एवं देशी कम्पोजिट संतोषीनगर अहाता का ठेका निरस्त किया गया है। इन अहातों का ठेका क्रमशः रोशनदास मानिकपुरी, सूरज प्रसाद धीवर, रमनीक सिंह भाटिया, अरुण शुक्ला एवं सुरेंद्र प्रताप सिंह को मिला था। इन सभी ने अहाता चलाने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद इन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
5 लाख से अधिक राशि जब्त
अहाता के टेडर के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे। आवेदन करने वाले आवेदक से प्रोसेसिंग फीस के रूप में पांच हजार रुपये और कुल बोली का 3 प्रतिशत जमा कराया गया है। जिन पांच लोगों ने टेंडर में नाम आने के बाद अहाता चलाने से इनकार किया, उन सभी की 3-3 प्रतिशत राशि कुल 5 लाख 37 हजार 990 रुपये जब्त किया गया है।
64 में 61 ने चलाने से किया इंकार
बिलासपुर जिले में भी 64 अहाता के लिए टेंडर निकाला गया था। टेंडर में भी सभी अहातों के लिए आवेदन आए थे। टेंडर में सबसे ऊंची बोली लगाने वालों को इन अहातों का ठेका भी दिया गया, लेकिन समय सीमा के अंदर लाइसेंस लेने के लिए बैंक गारंटी व दस्तावेजों की जो प्रक्रिया पूरी करनी थी, उसे सिर्फ 3 लोगों ने किया है। शेष 61 लोगों ने अहाता चलाने से इनकार कर दिया है। इस तरह जिले में अहाता की योजना लगभग फेल होती नजर आ रही है। इधर इस मामले में सहायक आयुक्त दिनकर वासनिक ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि इसका पता लगा रहे हैं कि आखिकर क्या कारण है कि टेंडर में नाम निकलने के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने अहाता सरेंडर कर दिए हैं। उन्होंने कहा सभी अहाता ठेके पर जाएं इसका प्रयास किया जा रहा है।
इतने में बिके थे निरस्त हुए अहाते
देशी उरला अभनपुर 45 लाख 11 हजार, विदेशी सहू 28 लाख 35 हजार, विदेशी कटोरातालाब 45 लाख 11 हजार, विदेशी फाफाडीह 30 लाख 65 हजार एवं देशी कम्पोजिट संतोषीनगर का ठेका 28 लाख 11 हजार में गया था।
ऊंची बोली वाले को प्राथमिकता
आबकारी विभाग रायपुर के उपायुक्त विकास गोस्वामी ने बताया कि, 5 अहाता सरेंडर हुए हैं। जिन्हें ठेके मिले हैं. उन्होंने चलाने से इनकार कर दिया है। उनकी जमा राशि जब्त कर ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जा रही है। ठेका निरस्त करने के बाद दूसरे नंबर की ऊंची बोली वाले को पहले प्राथमिकता देंगे।