एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर क्षेत्र में अनेक बार अशांति फैलाने और नक्सल समर्थक की पहचान रखने वाले कथित आदिवासी नेता सुरजू टेकाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके घर से बारूद, नक्सल पर्चे, नक्सल साहित्य, कोर्डेक्स वायर, डेटोनेटर, बैटरी आदि सामान बरामद हुआ है। 

उल्लेखनीय है कि, मानपुर विकासखंड के ग्राम कलवर निवासी आदिवासी नेता सुरजू टेकाम अपने विवादित बयानों के लिए पिछले अनेक वर्षों से आए दिन चर्चा में बना रहता है। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा नेताओं को देखते ही काट डालो कहने वाले सुरजू टेकाम पर लंबे समय से पुलिस की नजर थी। सुरजू पहले भी कई बार नक्सलियों का समर्थक होने के कारण जेल भेजा जा चुका है।

एएसपी के नेतृत्व में पुलिस का छापा

सोमवार की रात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर के नेतृत्व में एक टीम ने मानपुर विकासखंड के ग्राम कलवर निवासी आदिवासी नेता 54 वर्षीय सुरजू टेकाम, पिता-बुल्लु टेकाम के घर देर रात रेड मारी। पुलिस को कार्रवाई के दौरान सुरजू टेकाम के घर से अनेक आपत्तिजनक सामान मिले। इसके बाद पुलिस ने सुरजू टेकाम को गिरफ्तार कर लिया और एनआईए कोर्ट बिलासपुर में पेश किया है। 

खुले मंच से दी थी भाजपा नेताओं को धमकी
 
उल्लेखनीय है कि, आदिवासी नेता सुरजू टेकाम नक्सल मामले में कई बार जेल जा चुका है। वहीं एक बार मानपुर मुख्यालय में सुरजू टेकाम ने एक सभा में खुले मंच से भाषण देते हुए कहा था कि 'भाजपा नेता चुनाव में वोट मांगने आता है तो वहीं काट डालो।' इसके बाद जिले के भाजपा नेताओं ने सुरजू टेकाम पर एफआईआर दर्ज करने के लिए मानपुर थाने का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। ऐसे ही कई मामलों में नेता सुरजू टेकाम जेल जा चुका है। 
 

विरोध करने वालों को मिलती थी नक्सली धमकी

आए दिन विवादित बयान देने और समाज विरोधी हरकतें करने के आदी सुरजू का जो कोई भी या संगठन विरोध करता तो उसको नक्सलियों की ओर से धमकी भरा पत्र भेजा जाता था। सुरजू के खिलाफ लिखने वाले कई पत्रकारों को भी नक्सली धमका चुके हैं। 

दशहरा उत्सव का करता था विरोध

हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा पर रावण दहन की परम्परा है। सुरजू लगभग हर दशहरे के वक्त आदिवासियों को भड़काता रहा है। उसने अनेक बार रावण दहन करने पर राम का पुतला जलाने तक की धमकी दी है। 

पिछले पांच साल उसके हौसले रहे बुलंद

उल्लेखनीय है कि, पिछले पांच साल जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रही, उस दौरान सुरजू टेकाम के हौसले काफी बुलंद रहे। उसने इस दौरान न सिर्फ भाजपाइयों को खुले मंच से धमकी दी बल्कि कांग्रेस के मंचों का भी ऐसे कामों के लिए इस्तेमाल किया।