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राज्य में सीजन में 155 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होना संभावित है। अगर इतनी मात्रा में धान खरीदा जाता है तो यह अपने आप में एक बड़ा रिकार्ड होगा।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में राज्य में धान खरीदी का सबसे बड़ा सौदा होने की संभावना है। राज्य में सीजन में 155 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होना संभावित है। अगर इतनी मात्रा में धान खरीदा जाता है तो यह अपने आप में एक बड़ा रिकार्ड होगा। राज्य में अब पिछले साल तक 107 लाख मीट्रिक टन सर्वाधिक धान खरीदी पिछले साल हुई थी। 

ये है धान खरीदी का गणित

छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में अब तक की सबसे अधिक धान खरीदी होने की संभावना है। दर असल पूर्ववर्ती सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था। अब भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी शुरू कर दी है। प्रदेश में किसानों की संख्या 26 लाख से अधिक है। इस हिसाब से अगर एक किसान एक क्विंटल धान बेचेगा तो भी 25 से 26 हजार मीट्रिक टन धान आना तय है। इसी आधार पर अनुमान है कि इस सीजन में 155 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो सकती है। राज्य गठन के बाद यह पहला साल होगा, जब इतनी बड़ी मात्रा में धान खरीदा जाएगा । 

किसानों को मिलेगी सबसे अधिक कीमत

राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों से 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का आदेश जारी किया है। इस हिसाब से किसान को एक एकड़ धान की उपज बेचने पर 65 हजार 100 रुपए मिलेंगे। धान की इतनी कीमत कमी भी राज्य के किसानों को नहीं मिली है। पिछले सीजन में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार 15 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीद रही थी। इस बार धान की मात्रा और कीमत दोनों बढ़ी है।

21 विवंटल में है ये पेच भी 

राज्य में अब तक करीब पौने 11 लाख किसान अपना धान 20 क्विंटल के हिसाब से बेच चुके हैं। इन किसानों से अब प्रति एकड़ । क्विंटल धान और लिया जाना है, लेकिन एक एकड़ जमीन वाले किसान केवल 80 किलो ही धान बेच पाएंगे। वजह ये है कि सोसायटियों में धान खरीदी 40 किलो भर्ती वाले बोरे में की जाती है। ऐसे में एक एकड़ वाला किसान दो बोरे धान ही बेच सकेगा। उससे 20 किलो धान की खरीदी नहीं हो सकेगी। जबकि दो एकड़ वाले किसान 40 किलो भतीं की बोरी में पांच बोरी यानी दो विवंटल धान बेच पाएंगे।

...तो चौथा टोकन भी जारी करना होगा 

धान खरीदी के दौरान अब तक की व्यवस्था ये है कि अधिक मात्र में धान बेचने वाले किसानों को अलग-अलग तारीख के तीन टोकन दिए जाते है, जो किसान 20 क्विंटल के हिसाब से तीन टोकन में अपना धान बेच चुके है, उन्हें 21 क्विंटल के हिसाब से बचा धान बेचने के लिए अलग से टोकन जारी करना होगा। तभी वे अपना बचा धान बेच सकेंगे।
 

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