रायपुर। ट्रेनों के यात्रियों की शिकायतों को दूर करने रेल प्रबंधन बड़ी पहल करने जा रहा है। इसके तहत रेल अफसर और सुपरवाइजर ट्रेन में साधारण यात्री बनकर सफर करेंगे और कोच की व्यवस्था परखने के बाद उक्त समस्या का समाधान भी कराएंगे। ट्रेन में सफर के दौरान कोच में गंदगी, टॉयलेट में जलापूर्ति न होने और गंदे बेडरोल दिए जाने की शिकायत लगभग हर दिन मिलती ही रहती है। इसमें मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट बिगड़ने, वातानुकूलित कोच में एसी के काम न करने या ओवरकूलिंग करने के साथ लाइट और पंखे खराब रहने की भी शिकायतें मिलती हैं।

 कई बार शिकायत के भी मदद नहीं मिल पाती। मंडल और जोन के रेल मदद पोर्टल पर प्रतिदिन ऐसी शिकायतों का पिटारा खुलता रहता है। यात्रियों की ऐसी शिकायतों को कम करने के लिए रेलवे अब अनोखा नुस्खा अपनाएगी। रेल अधिकारी ट्रेनों में अब जासूसी करेंगे। अलग-अलग विभागों के अधिकारी व सुपरवाइजर न केवल साधारण यात्री बनकर ट्रेनों में सफर करेंगे, बल्कि वस्तुस्थिति से अवगत होकर तत्काल समाधान भी कराएंगे।

जोनल स्तर पर बनेगा क्विक रिस्पांस ग्रुप

तुरंत सुनवाई को क्विक रिस्पांस वॉट्सएप ग्रुप अब तक पहले से तय रहता था कि किस स्टेशन से कौन अधिकारी किस ट्रेन का निरीक्षण करेंगे। अब ऐसा नहीं होगा। किसी भी स्टेशन पर किसी भी ट्रेन में रेल अधिकारी आकस्मिक सवार होंगे और उस ट्रेन की सफाई व्यवस्था, कोच में जलापूर्ति समेत अन्य असुविधाओं से रूबरू होंगे। मंडल से लेकर जोनल स्तर पर क्विक रिस्पांस वॉट्सअप ग्रुप बनेगा। वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिकायत के वास्तविक समय पर निपटारे की मॉनिटरिंग की जाएगी।

रेल मंत्रालय ने सुझाया इनोवेटिव आइडिया

रेल मदद पोर्टल पर लगातार मिलने वाली शिकायतों को ध्यान में रखकर रेलवे बोर्ड के सदस्य कर्षण एवं चल स्टाक और रेल मंत्रालय के सचिव सतीश कुमार ने इनोवेटिव आइडिया अपनाने का सुझाव दिया है। अलग- अलग विभाग के अधिकारियों को पालीवार ट्रेनों के आकस्मिक निरीक्षण की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। रेल अधिकारी के औचक निरीक्षण से ट्रेनों की सफाई करने वाले ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग कर्मचारी और क्लीन माई कोच से जुड़े स्टाफ की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा। उन्हें जागरूक करने के साथ कमियों को उचित प्लेटफार्म पर रखकर आवश्यक सुधार भी किया जा सकेगा।