रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लाभांडी में भू माफियाओं द्वारा करोड़ों की जमीन को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगा है। भू माफियाओं ने जबरन जमीन के चारों ओर बॉउंड्रीवॉल भी बनवा दिया है। इस मामले में तेलीबांधा थानेदार पर भी जमीन मालिकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने टीआई की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पुलिस महानिरीक्षक और राजस्व मंत्री से शिकायत की है। शिकायत में टीआई पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 

यहां देखें शिकायत पत्र 

शिकायत पत्र में मालिकों ने लिखा है कि, हमने अपनी लाभाण्डी में काबिज जमीन कुछ भूमाफियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की शिकायत तेलीबांधा थाने में की है। लेकिन वहां के टीआई विनय बघेल ना तो कोई कार्रवाई कर रहे हैं और ना ही कोर्ट जाने के संबंध में पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य मामला संबंधी कोई परिपत्र हमें दे रहे हैं। ना ही वे शिकायत की रिसिप्ट दे रहे हैं। 

टीआई को हटाने की मांग 

उन्होंने आगे लिखा है कि, मैं आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूं कि, वैसे भी इन दिनों तेलीबांधा क्षेत्र में आए दिन क्राइम की बड़ी वारदातें हो रही है। अपराधों के नियंत्रण पर टीआई की कोई विलवस्पी दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने निवेदन किया है कि, तेलीबांधा टीआई को हमारी शिकायत के संबंध में ताकीद करें, अथवा उन्हें यहां से हटाने की कृपा करें।

यह है पूरा मामला...

इस पूरे मामले में जमीन मालिक का कहना है कि, लाभांडी गांव के वार्ड न. 51 में हमारी जमीन है और हम लगभग 20- 25 सालों से यहां खेती- बाड़ी का काम करते हैं। हम नगर निगम रायपुर को इसका बाकायदा टैक्स भी पटाते हैं और अभी तक का टैक्स पटा दिया गया है। हमारी जमीन के साइड में गौतम चंद ढ़ालीवाल और उनके परिवारजनों की भी जमीन है। वह हमारी जमीन को अपनी जमीन से जोड़ते हुए उसे अपना बता रहा है। यहां तक कि, गौतम चंद ढ़ालीवाल ने हमारे खिलाफ तेलीबांधा थाने में शिकायत की भी की और जमीन को अपना बता रहा है। 

हमारी शिकायत पर पुलिस नहीं कर रही है कार्यवाही 

जमीन मालिक ने आगे कहा कि, गौतम चंद ढ़ालीवाल की जमीन ऑनलाइन पड़ताल में 29000 वर्ग फीट है और उसका खसरा न. 387/2, 387/3, 387/4 और 387/5 और अन्य भागों में है। गौतम चंद ढ़ालीवाल और उसके अन्य साथी द्वारा हमारी जमीन को कब्ज़ा करने की कोशिश की जा रही है। इनके खिलाफ जब हमारे द्वारा थाने में शिकायत की गई तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि, इसके उलट उनकी शिकायत पर हमारे द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जिससे हमें लग रहा है कि, थाने के द्वारा उनका सहयोग किया जा रहा है। इस मामले को लेकर जब मैं गौतम चंद ढ़ालीवाल के पास के गया तो उसने कहा कि, मैं कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हूं। बल्कि, यह मेरे अन्य साथियों द्वारा किया जा रहा है और उनका काम ही अवैध रूप से जमीनों को कब्जा करने का है। 

थानेदार फर्जी केस बनाकर जेल भेजने की दे रहा है धमकी 

उन्होंने आगे कहा कि, गौतम चंद ढ़ालीवाल की यह बात सुनकर मैंने जब इसकी शिकायत थाने में की तो उल्टे उनका ही सहयोग करते हुए RI और पटवारी को बुलाकर हमारी जमीन को दिखाकर गौतम चंद ढ़ालीवाल और उनके साथियों के नाम दर्ज करने को कहा जा रहा है। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि, वे हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। जमीन मालिक ने आगे कहा कि, वहां के थानेदार द्वारा मुझे फोन पर यह बताया गया कि, आपकी जमीन पर कुछ बड़े अधिकारी शामिल हैं और उन्हीं के कहने पर मैं आपको पीछे हटने के लिए कह रहा हूं। वरना मैं आपके विरुद्ध कोई झूठा मामला बनाकर अंदर कर दूंगा और जिंदगीभर जेल में सड़ते रहोगे। उसने यह भी कहा कि, तुम्हारा केस कमजोर है इसलिए प्यार से उस जमीन को खाली कर दो। 

मेरे साथी को बेमतलब रातभर रखा थाने में बंद 

जमीन मालिक ने आगे कहा कि, एक दिन पुलिस की मौजूदगी में गौतम चंद ढ़ालीवाल और साथियों के द्वारा बॉउंड्रीवाल बना दिया गया। जब मैं उसका विरोध करने गया तो उल्टा मेरे को ही डरा- धमकाकर भगा दिया गया। यहां तक कि, मेरे अधीनस्थ व्यक्ति उमेश साहू को बिना किसी कारण के एक रात थाने के लॉकअप में बंद रखा गया और फिर दूसरे दिन 12-01 बजे बिना कार्यवाही के छोड़ दिया गया। जिससे पुलिस प्रशासन और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। पुलिस प्रशासन की इस करतूत से मुझे अच्छी खासी आर्थिक क्षति होगी और मैं बेरोजगार हो जाऊंगा। मुझे यह डर भी बना रहता है कि, कहीं मेरे द्वारा 20-25 सालों से संचित जमीन पर गौतम चंद ढ़ालीवाल और साथियों का कब्जा ना हो जाये। यदि ऐसा होता है तो मुझे अच्छी खासी आर्थिक छति होगी, मैं बेरोजगार हो जाऊंगा और मेरे परिवार का भरण- पोषण भी नहीं होगा। 

इन्हें ठहराया जिम्मेदार 

उन्होंने आगे कहा कि, जिस तरह से पुलिस प्रशासन द्वारा मेरे उपर दबाव डाला जा रहा है। उससे मैं पूरी तरह परेशान हो गया हूं और मैं कुछ भी कर सकता हूं। यदि ऐसा कुछ मैं करने के लिए मजबूर होता हूं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी गौतम चंद ढ़ालीवाल, उसके भू- माफिया साथी, पुलिस प्रशासन और उच्च अधिकारियों की होगी। जमीन मालिक ने ऐसे में गौतम चंद ढ़ालीवाल के हाथों में जाने की मांग की है।