शराब घोटाले पर छत्तीसगढ़ में बड़ा एक्शन : ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने दी 7 दिन की रिमांड

Former Excise Minister Kawasi Lakhma arrested
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पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार
शराब घोटाला केस में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब उन्हें 21 जनवरी को पेश किया जायेगा।  

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार की सुबह वे ED दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। ED कवासी लखमा को लेकर कोर्ट के लिए रवाना हो गयी थी। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब उन्हें 21 जनवरी को पेश किया जायेगा।

कवासी लखमा से इससे पहले 2 बार ​​​​ED के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। ED ऑफिस जाते समय लखमा ने कहा था कि, आज पूछताछ के बुलाया गया था, इसलिए आया हूं। देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं 25 बार आऊंगा। ED के अधिकारी जो सवाल करेंगे, उसका जवाब दूंगा और उनका सम्मान करुंगा।

कोई भी नहीं बख्शा नहीं जाएगा- डिप्टी सीएम शर्मा

इस मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, लखमा के आबकारी मंत्री रहते FL-10 के नाम पर स्कैम किया गया। अपनी ही सरकार में कवासी लखमा ठग लिए गए। इसीलिए उनके साथ तब जो लोग थे, वे आज नहीं हैं। कानून अपना काम करेगा और कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।

17 जनवरी को ED ने दर्ज की थी FIR

जहां ED से प्राप्‍त सूचना के आधार पर एसीबी ने इसी साल 17 जनवरी को इस मामले में एफआईआर की दर्ज की थी। जांच के दौरान एजेंसी ने मामले में फरार चल रहे कई आरोपियों जिनमें आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव एपी त्रिपाठी भी शामिल हैं। उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया है, फिलहाल वे यूपी की मेरठ जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद भिलाई के बड़े शराब कारोबारी के साथ ही कुछ और लोगों को एसीबी ने पकड़ा है।

इनके नाम हैं शामिल

शराब घोटाले मामले में एआईएस में आईएएस निरंजनदास, अनिल टूटेजा, उनके बेटे यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्‍कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है। शराब घोटला में ही अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्‍यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

ईडी ने किया था आवेदन

बताया जा रहा है कि ईडी जिस आवेदन के आधार पर एसीबी ने शराब घोटाला में FIR दर्ज की है. वह आवेदन ईडी ने मार्च 2023 में एसीबी और ईओडब्‍ल्‍यू को दिया था। लेकिन तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, ऐसे में उस समय FIR दर्ज नहीं की गई. लेकिन अब सत्‍ता परिवर्तन के बाद राज्‍य सरकार की एजेंसी ने इन मामलें में FIR दर्ज कर लिया है। दोनों मामलों में धोखाधड़ी और भ्रष्‍टाचार की धाराओं में FIR दर्ज किया गया है।

रिकार्ड समय में एजेंसी ने की जांच पूरी

शराब घोटाला में एसीबी और ईओडब्‍ल्‍यू ने इसी साल जनवरी में FIR दर्ज कर लिया था। लेकिन मामले की जांच में तेजी आईपीएस अमरेश मिश्रा के एजेंसी के चीफ बनने के बाद आई। रायपुर रेंज आईजी मिश्रा को 11 मार्च को एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू का भी प्रभार सौंपा गया। श्री मिश्रा के आते ही मामले की जांच में तेजी आई और रिकार्ड समय में एसीबी आज कोर्ट में चालान पेश कर रही है। सामान्‍यत: एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू में चांज लंबे समय तक लंबित रहती है।

नोएडा में भी दर्ज है FIR

शराब घोटाला केस में नोएडा में भी एक FIR दर्ज की गई है। यह FIR ईडी की ही शिकायत पर नोएडा पुलिस ने दर्ज की है। इसमें आबकारी विभाग के सचिव और विशेष सचिव समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह FIR नोएडा के कसाना थाना में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 473 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया है। इस FIR में ईडी की तरफ से नोएडा की कसाना पुलिस को बताया गया है कि, ईडी की तरफ से छत्‍तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच की जा रही है।

नियम विरुद्ध दिया गया टेंडर

इस जांच में ईडी को यह पता चला है कि नोएडा स्थित मेसर्स प्रिज्‍म होलोग्राफी सिक्‍योरिटी फिल्‍म्‍स प्राइवेट लिमिटेड को नियम विरुध्‍द तरीके से टेंडर दिया गया था. जबकि कंपनी टेंडर में शामिल होने के लिए पात्र ही नहीं थी। इसके बावजूद कंपनी ने छत्‍तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर टेंडर हासिल कर लिया। आरोप है कि छत्‍तीसगढ़ के अफसरों ने इस मामले में आठ पैसा प्रति होलोग्राम कमीशन लिया। FIR में होलोग्राफी कंपनी के एमडी विदु गुप्‍ता का भी नाम है।

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