माना मंडल अध्यक्ष की घोषणा पर बवाल : भाजपा कार्यकर्ताओं की विधायक साहू के साथ तीखी बहस, गाड़ी के आगे लेटे भाजपाई

राजधानी रायपुर के माना मंडल में अध्यक्ष चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हो गया। कार्यकर्ता डेढ़ साल पहले कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाने पर नाराज हो गए। ;

Update:2024-12-24 17:10 IST
विधायक मोतीलाल साहू से बहस करते भाजपा कार्यकर्ताBJP workers arguing with MLA Motilal Sahu
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा का संगठन चुनाव जारी है। जिसके तहत बीजेपी सभी विधानसभाओं में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है। मंगलवार को राजधानी रायपुर  के माना मंडल में अध्यक्ष चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हो गया। कार्यकर्ता डेढ़ साल पहले कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनाने पर नाराज हो गए। 

भाजपाइयों का आरोप कि, कांग्रेस से डेढ़ साल पहले आए दलबदलु को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। कार्यकर्ता विधायक मोतीलाल साहू की गाड़ी के सामने लेट गए। इसके विरोध में पूरा भाजपा  माना मंडल प्रदेश कार्यालय पहुंचा और वरिष्ठ नेताओं से शिकायत दर्ज करवाई। वहीं विधायक मोतीलाल लाल साहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जिसके बाद विधायक और कार्यकर्ताओं की जमकर बहस हुई। 

अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा मंडलों के अध्यक्षों का हुआ चुनाव 

इस समय मंडल अध्यक्षों का चुनाव चल रहा है। अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा मंडलों के अध्यक्षों का चुनाव हो गया है। सभी स्थानों पर सर्वसम्मति से ही अध्यक्ष बनाए गए हैं। रविवार तक सभी मंडलों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। 476 में से 440 मंडलों का ही अभी चुनाव होगा, बचे मंडलों का चुनाव बाद में होगा। प्रदेश संगठन ने अपने सभी 35 जिला संगठनों में नए अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। यहां पर एक नाम पर सहमति बनाकर सर्वसम्मति से चुनाव होगा। कहीं भी मतदान की स्थिति आने ही नहीं दी जाएगी। भाजपा के संगठन चुनाव बीते माह से चल रहे हैं। 

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24 हजार से ज्यादा बूथों में कमेटियों का गठन 

सबसे पहले प्रदेश के 24 हजार से ज्यादा बूथों में बूथ कमेटियों का गठन किया गया है। एक-एक बूथ में 25-25 सदस्यों की कमेटी बनी है। किसी बूथ में अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं कराया गया, सभी स्थानों पर सहमति से अध्यक्ष बने हैं। इसके बाद मंडल अध्यक्षों का भी चुनाव लगातार सर्वसम्मति से हो रहा है। मंडलों से लिए तीन-तीन नामों का पैनल तय करने के बाद एक नाम पर सहमति बनाकर मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। बचे मंडलों के लिए भी यही किया जा रहा है। करीब 35 मंडलों में अलग-अलग कारणों से अभी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।

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