महाकुंभ में छाई छत्तीसगढ़िया संस्कृति : प्रदेश सरकार की योजनाएं लोगों को कर रही आकर्षित

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में छत्तीसगढ़ के संस्कृति की झलक लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह पवेलियन महाकुंभ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।;

Update:2025-01-14 19:19 IST
महाकुंभ में लगाया गया छत्तीसगढ़ पैवेलियनChhattisgarh pavilion was set up in Maha Kumbh
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रायपुर। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ  में छत्तीसगढ़ के संस्कृति की झलक लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह पवेलियन महाकुंभ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट को धारण किया हुआ प्रवेश द्वार लोगों को आकर्षित कर रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की तस्वीर दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां का गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित करता है। सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ को जानने के लिए देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है। 

लक्ष्मीद्वार के पास है छत्तीसगढ़ पैवेलियन, दिखाई जा रही संस्कृति  

प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मीद्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण किया गया है। 

पैवेलियन में दिखाई जा रही छत्तीसगढ़ की संस्कृति 

प्रदर्शनी में योजनाओं की दी जा रही जानकारियां 

छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को निर्मित किया गया है। स्थानीय लोग और देश भर से आए श्रद्धालु छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पाएं,  इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है और लोग लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं। 

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प्रयागराज में सीएम ने दिखाई छत्तीसगढ़ की झलक 

सीएम विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर काम कर रहे हैं और ये संकल्पना धीरे- धीरे मूर्त रूप ले रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है मानो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है।

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