रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कल देर शाम चार IAS अधिकारियों को नई पोस्टिंग देने का आदेश जारी किया था। लेकिन महज तीन घंटे में ही सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ गया। रात 11 बजे उसमें एक महत्वपूर्ण संशोधन कर उन्हें रायपुर बुला लिया गया। जीएडी ने कल रात करीब आठ बजे चार IAS अधिकारियों का ट्रांसफर आदेश जारी किया था। लेकिन बाद में आंशिक त्रुटि का हवाला देते हुए जनक प्रसाद पाठक को वापिस रायपुर बुला लिया गया। उनकी जगह रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे को बिलासपुर संभाग आयुक्त का एडिशनल चार्ज दिया है।
यह है पूरा मामला
दरसअल, जनक प्रसाद पाठक वर्ष 2020 में जांजगीर के कलेक्टर थे। उस समय एक महिला ने उन पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि, कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने अपने चेंबर में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। इस आरोप के बाद राज्य सरकार ने उन्हें कलेक्टर से हटा दिया था। वर्तमान समय जनक प्रसाद पाठक हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। इसी संगीन केस के चलते उनका सचिव पद पर प्रमोशन नहीं हो पाया। जीएडी ने यहां से डीओपीटी को प्रमोशन के लिए नाम भेजा था। लेकिन बाद में भारत सरकार ने उन्हें प्रमोशन देने से मना कर दिया था। ऐसे में उनके सारे बैचमेट सिकरेट्री प्रमोट हो गए हैं। लेकिन जनक पाठक अभी तक स्पेशल सिकरेट्र्री हैं।
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इसलिए सरकार ने बदला होगा निर्णय
जनक प्रसाद पाठक वर्ष 2020 में जांजगीर जिले के कलेक्टर थे, तब उनके चेंंबर में एक महिला से रेप की घटना हुई थी। ऐसे में वह बिलासपुर संभाग में आता है। अब उसी जिले के थाने में आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज है और उसी संभाग में आरोपी आईएएस को कमिश्नर बनाए जाने से अच्छा मैसेज नहीं जाता। कमिश्नर के तौर पर पाठक अगर जांजगीर के दौरे पर जाते तो एक इश्यू बन सकता है। इसको देखते हुए सरकार ने आदेश संशोधित कर दिया।