सीएम की धर्मपत्नी ने जीता राजिमवासियों का दिल : कौशल्या देवी बोलीं- संस्कृति और समरसता के वातावरण को धरोहर के रूप में सजोकर रखना है

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या देवी मंगलवार को राजिम पहुंचीं। वे यहां 'कारीगर' नामक संस्था के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं। ;

By :  Ck Shukla
Update: 2025-04-15 15:07 GMT
Rajim, CM wife Kaushalya Sai, Environment of culture, MLA Rohit sahu
श्रीमती कौशल्या साय को सम्मानित करती हुई 'कारीगर' की टीम
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श्यामकिशोर शर्मा- राजिम। मंगलवार अप्रैल को राजिम के प्रेमरतन पैलेस में कारीगर समूह की संस्थापक सोमा शर्मा, सह-आयोजक नीरज शर्मा द्वारा आयोजित गरिमामय समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय पहुंचीं। उन्होंने मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना और दीप प्रज्जवलित कर अपने उदबोधन की शुरूआत राधे-राधे बोलकर शुरू किया। इसके साथ ही राम-राम जय सिया राम बोलीं। श्रीमती साय ने गणेश जी की स्तुति करते हुए वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा का वाचन की तो पैलेस का पूरा हॉल तालियो की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

श्रीमती साय ने भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी और भगवान श्री राजीव लोचन के जयकारे के साथ ही बहुत ही सरल और सहज रूप में कहने लगी कि इस मंच पर दो विधायक राजिम और अभनपुर बैठे है। सामने दर्शक दीर्घा में बैठे लोगो से उन्होने पूछ लिया कि, इन दोनो विधायको से आप लोग खुश तो है न? यदि खुश हैं तब बोलूगी। श्रीमती साय ने अपने उदबोधन के दौरान समूचे लोगो का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि, मीडिया के साथी सामने बैठे हुए है। इनके माध्यम से हमारी कही गई बातें दूर तक जाती है। उन्होने सीधा-सीधा कहा कि, हमारी संस्कृति और समरसता के वातावरण को धरोहर के रूप में सजोकर रखना है। शहर से दूर गांवो में आज भी लोग बहुत स्नेह और प्रेम के साथ रहते है। एक दूसरे का सुख-दुख पुछते है। एक-दूसरे का हालचाल जानते है और बहुत ही सभ्यता के साथ रिश्ते-नाते बनाकर रखते है। गांव में किसी का कोई भतीजा होता है तो कोई चाचा। बहनो को दीदी के रूप में ही संबोधित किया जाता है। माताओं को बड़ी मां, छोटी मां के रूप में बोला जाता है। कहा कि गांव में असली प्यार है। कोई आता है तो सबसे पहले उन्हें पानी दी जाती है,खाना के लिए पूछा जाता है। छत्तीसगढ़ के इस संस्कृति के ऊपर हम सबको गर्व करना चाहिए। हर घर में राम हो। बुजुर्ग से स्नेह रखो। 

श्रीमती साय और विधायक साहू के हाथों मोमेंटो ग्रहण करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्यामकिशोर शर्मा

सम्मान पाना है तो सम्मान दें 

श्रीमती साय ने कहा कि, सम्मान चाहिए तो एक-दूसरे का सम्मान करो। उन्होने प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ के प्रति चिंता जाहिर किया। झाड़ बहुत कट रहे है लिहाजा अधिक से अधिक पेड़ लगाएं ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके। एक पेड़ मां के नाम तो लगाना ही है,दूसरा पेड़ पिता जी के नाम से लगाना है। उन्होने बहुत ही रोचक अंदाज में कहा कि पेड़ लगाने के तत्काल बाद फोटो और सेल्फी मारते है परंतु इसकी सुरक्षा और पानी के ऊपर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। अच्छे से गहराई करे और ठोस रूप में पेड़ लगाएं। धर्म की रक्षा करने सामने आएं। कहा कि नारियो की सम्मान की बात कही जाती है ये अच्छी बात है परंतु पुरूषो का भी सम्मान हो। यदि हमारी कही बात अच्छी लगे तो लेकर जरूर जाइयेगा। कहा कि जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चे को स्नेहपूर्वक शिक्षित करती है, और एक गुरु अपने शिष्य को मार्गदर्शन देता है, उसी प्रकार कारीगर टीम बाल प्रतिभाओं को पहचानकर उनके भविष्य को सँवारने का कार्य कर रही है। निस्संदेह यह एक सराहनीय एवं सकारात्मक पहल है। अपना उदबोधन श्रीमती साय ने हर- हर महादेव बोलकर विराम दिया। श्रीमती साय के उदबोधन को सारे लोगो ने बहुत ध्यान से सुना और सबने इसकी तारीफ की। 

प्रदेश में साय के सुशासन की सरकार : विधायक साहू 

इस अवसर पर राजिम विधायक रोहित साहू और अभनपुर विधायक इंद्रकुमार साहू ने उपस्थित लोगो को संबोधित किया। कहा कि, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के सुशासन की सरकार है। आगे बढ़ने के लिए मेहनत की जरूरत है। सारे लोग सामाजिक समरसता और भाईचारे के साथ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रश्मि शर्मा ने की। संचालन मनोज सेन ने किया। इस अवसर पर कारीगर टीम द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कुल 125 विशिष्ट व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। सम्मान चार श्रेणियों में प्रदान किए गए। जिसमें नवांकुर सम्मान नवोदित नन्हें कारीगरों को, कर्मवीर सम्मान समाजसेवा में संलग्न प्रेरणास्पद व्यक्तित्वों को, कलमवीर सम्मान जन-जागरण में सक्रिय पत्रकारों को, दानवीर सम्मान उत्पाद क्रय कर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने वाले सहयोगियों को। 

सोमा ने गिनाए 'कारीगर' के काम

कारीगर टीम की संस्थापक सोमा शर्मा ने बताया कि, विगत छह वर्षों से पारंपरिक शिल्पकला को बढ़ावा देने हेतु मिट्टी के दीप, बाँस की टोकरियाँ एवं अन्य हस्तनिर्मित सजावटी वस्तुएँ तैयार कर विक्रय की जाती रही हैं। इस कार्य से न केवल शिल्पकारों की दीपावली रोशन होती है, बल्कि बच्चों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी होती है। यह पहल आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट मिशाल है। सह-आयोजक नीरज शर्मा ने जानकारी दी कि यह आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास है, जो आगे चलकर और अधिक प्रेरणादायी सिद्ध होगा। कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष महेश यादव,नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रेखा-जितेंद्र सोनकर,मंडल अध्यक्ष रिकेश साहू,जिला पंचायत के पूर्व सदस्य चंद्रशेखर साहू,जिला पंचायत सदस्य शिवांगी चतुर्वेदी,राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश सांखला सहित बड़ी संख्या में पत्रकार एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे। प्रारंभ में सीएम की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय का उपस्थित जनसमुदाय ने बुके भेंटकर शानदार स्वागत किया। कार्यक्रम के आयोजक सोमा शर्मा ने श्रीमती साय का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंटकर किया।

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