श्यामकिशोर शर्मा-राजिम। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक 15 दिवसीय राजिम कुंभ 'कल्प' मेला का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी राजिम के कुंभ मेले में शामिल होकर मुझे आत्मिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम मेले में पधारे समस्त संतों, विद्वानों और धर्मगुरूओं को मैं प्रणाम करता हूं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि देश के प्रतिष्ठित आचार्यों, साधु, संतों, महामंडलेश्वर, महात्माओं का आगमन राजिम में हुआ है। संतो के दिखाए मार्ग पर चलने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के हृदय स्थल में महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम नगरी, छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रतिष्ठित प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस वर्ष 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से राजिम कुंभ 'कल्प' मेले का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व विभाग द्वारा किया गया। इस मेले का आज समापन हो रहा है। उन्होंने कहा कि, यहां पर कलाकारों का संगम, श्रद्धालुओं की असीम आस्था और संतों के आशीर्वाद से राजिम कुंभ मेले ने देश में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इस मेले में छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई है जहां शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से अवगत होकर नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं, जो अत्यंत सराहनीय है। समापन अवसर पर राज्यपाल हरिचंदन ने भस्मासुर की कहानी को सुनाई। मुख्यमंच में राज्यपाल हरिचंदन को राजिम कुंभ 'कल्प' लोक आस्था का विराट संगम पुस्तिका भेंट की गई। समापन समारोह में धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद चुन्नीलाल साहू, राजिम विधायक रोहित साहू, रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा, राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर, प्रबंध संचालक पर्यटन जितेन्द्र शुक्ला, कलेक्टर दीपक अग्रवाल, एसएसपी अमित तुकाराम कांबले सहित देशभर से आए साधु संत, महा मंडलेश्वर सहित भारी संख्या में आमजन मौजूद रहे।

राजिम कुंभ 'कल्प' का था सभी को इंताजार : डिप्टी सीएम विजय शर्मा

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, 5 साल बाद फिर एक बार हम सभी इस भव्य आयोजन के साक्षी बने हैं। सभी इसी इंतजार में थे कि, राजिम कुंभ का फिर से आयोजन होना चाहिए। उन्होंने इस भव्य कुंभ कल्प मेले के आयोजन के लिए मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का आभार जताया। कहा कि, आज माता शक्ति स्वरूपा का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भगवान शिव का दिवस महाशिवरात्रि है। यह ब्रम्हांड के सृजन का दिन है। उन्होंने सभी को राजिम कुंभ 'कल्प' की बधाई देते हुए कहा कि, राजिम कुंभ में पहुंच के कृतार्थ हुए।  

साधु-संतो के आशीर्वाद से संपन्न हुआ राजिम महोत्सव : मंत्री अग्रवाल

समापन समारोह में संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, 5 साल बाद फिर से राजिम कुंभ 'कल्प' का भव्य आयोजन हुआ। यह सब साधु-संतो के आशीर्वाद से ही संपन्न हुआ। उन्होंने सभी साधु-संतो को प्रणाम करते हुए उनका अभिवादन किया। राजिम कुंभ 'कल्प' में देशभर के साधु-संत, महात्मा और महामंडलेश्वरों ने शामिल होकर सदगुणों की अमृतवर्षा की। इससे सभी श्रद्धालुगण कृतार्थ हुए। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, पूरे देश में नदियों को बचाने जुटी साध्वी प्रज्ञा भारती का आभार व्यक्त करता हूं। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मभूमि है, प्रभु श्रीराम का वन गमन मार्ग है यह पूरे देश और विश्व को पता लगे इसी उद्देश्य से राजिम कुंभ 'कल्प' का आयोजन किया जा रहा है। 

धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है राजिम : मंत्री बृजमोहन 

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, राजिम कुंभ में इस वर्ष 20 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। प्रयागराज के बाद मध्य भारत में कोई प्रयागराज है तो वह राजिम है। यहां हजारों साल प्राचीन मंदिर हैं। ऋषि मुनियों का आश्रम है। राजिम धार्मिक, सांस्कृतिक महत्वों के लिए पूरे देश में विशेष स्थान रखता है। राजिम कुंभ के दौरान संगम नगरी राजिम कुंभ 'कल्प'  में अयोध्या धाम का आकर्षक वैभव दिखा। इस वर्ष का राजिम कुंभ 'कल्प' रामोत्सव के रूप में मनाया गया। समापन समारोह के अवसर पर मुख्यमंच में राज्यपाल हरिचंदन और मौजूद अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया। साथ ही प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की।