रायपुर। कुंभ में साधु-संतों के लिए खास तरह की रसोई चल रही है। इसकी व्यवस्था शासन द्वारा ही की गई है। यहां बगैर लहसुन और प्याज के भोजन तैयार किया जा रहा है। खाना बनाने वाले रसोइए स्नान और पूजन के बाद ही खाना बनाना प्रारंभ करते हैं। यहां आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है। जन सामान्य के लिए पृथक रसोई है प्रतिदिन 1500 साधु-संतों के लिए नास्ता सहित तीन समय का भोजन तैयार किया जाता है।

मेन्यू में पोहा से लेकर दो तरह की सब्जी, रोटी, दाल, सलाद, आचार, गुलाब जामुन, मखना और चना जैसी कई तरह की चीजें हैं। पोषक तत्वों  का भी विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। दूसरे राज्यों से आए साधु-संत उनके यहां प्रचिलित लिट्टी-चोखा सहित कई तरह के स्थानीय व्यंजनों की भी मांग करते हैं। सुविधानुसार उन्हें यह भी उपलब्ध कराया जा रहा है। 100 लोगों की टीम यहां सब्जी काटने से लेकर भोजन बनाने- परोसने और साफ-सफाई तक के कार्यों में लगी है।

सरसों तेल और घी में ही आता है स्वाद

साधु-संतों के लिए बन रहे भोजन से अलग नागा साधुओं अपने लिए अलग भोजन तैयार करते नजर आए। श्री निरंजनी अखाड़े में भोजन तैयार कर रहे एक संत ने बताया, वे पालक पकौड़ी बना रहे हैं। सरसों के तेल और घी में ही स्वाद आता है, इसलिए वे इसमें ही पकौड़े तलते हैं। चूल्हे की राख में आलू और टमाटर को सेंकते भी नजर आए। वे पारंपरिक रूप से भोजन तैयार करते हैं, ताकि अधिक स्वाद आए।

नारियलों का पहाड़, नागा करेंगे आरती

कुलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। यहां प्रतिदिन 3 हजार से अधिक नारियल चढ़ावे में आ रहे हैं। मंदिर के नीचे नारियलों का पहाड़ लग गया है। मंदिर प्रबंधन ने बताया, महाशिवरात्रि पर 35 से 40 हजार नारियल चढ़ेंगे। इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। पंडा चंदू योगी के अनुसार, यहां गुरुवार रात्रि 12 बजे के बाद 2 बजे प्रथम आरती होगी। इसके बाद पूरे दिन पूजन और आरती का सिलसिला चलता रहेगा। दोपहर की आरती नागा साधु स्नान के बाद करेंगे।