हफीज खान- राजनांदगांव। सोमवार दोपहर आसमान से टूटी बिजली ने मनगट्टा के फेरू साहू की दुनिया ही उजाड़ दी। एक बेटी का साथ पहले ही छूट गया था, अब बेटे के जाने से वह बे-औलाद हो गए हैं। इस हादसे का सदमा उनके दिलों-दिमाग पर गहरा असर किया है। फेरु के पुत्र पीयूष समेत असमय काल के गाल में समा गए चार छात्रों का एक ही गांव में अंतिम संस्कार हुआ। इन होनहारों के लिए गांव रो पड़ा। 

फेरू साहू गांव में ही दूसरों की ट्रैक्टर चलाकर अपने परिवार का भरण- पोषण करते हैं। वहीं उनकी पत्नी भी समीप के एक संस्थान में कार्य करती है। उनका पुत्र पीयूष साहू ने कक्षा 9वीं तक की पढ़ाई की हुई थी। 2 साल पूर्व फेल होने की वजह से उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और वह अपने पिता के कार्यों में हाथ बंटाता था। सोमवार को पीयूष अपने पिता को मुढ़ीपार जाने की जानकारी देकर घर से निकला था। वापसी में वह मुढ़ीपार हायर सेकंडरी स्कूल से अपने दोस्तों को लेकर वापस लौटने वाला था, तभी ग्राम जोरातराई में गिरी आकाशीय बिजली की चपेट में आठ लोगों के साथ पीयूष भी आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद हादसे की सूचना उसके परिजनों तक पहुंची, तब उन्होंने मौके पर पहुंचकर अपने बेटे के शव को देखते ही बिलख पड़े।

 छोटी उम्र में बेटी की हुई मौत

मनगट्टा निवासी फेरू साहू दो बच्चों के पिता थे। उनकी लड़की बेटे से बड़ी थी। वर्ष 2017 में लगभग 12-13 वर्ष की आयु में उनकी पुत्री की अचानक मौत हो गई। दुर्ग अस्पताल ले जाते हुए उनकी पुत्री ने रास्ते में दम तोड़ दिया था। वहीं अब 7 वर्ष बाद इस आसमानी आफत की वजह से बेटे का साथ भी छूट गया। जिससे फेरू साहू की दुनिया ही तबाह हो गई। वे मुक्तिधाम में लोगों से लिपटकर औलाद से खाली हुए घर की दुहाई देकर रो रहे थे। उनका पुत्र पीयूष साहू उनके बुढ़ापे की लाठी बनने वाला था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उसे बेटे की अर्थी को ही कंधा देना पड़ेगा। 

इसे भी पढ़ें...आसमान से बरसी मौत : बिजली गिरने से खंडहरनुमा मकान में छिपे 6 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत 

चार बच्चों का एक साथ अंतिम संस्कार 

आकाशीय बिजली के कहर से जान गंवाने वाले 35 वर्षीय चिमन देवांगन का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम तिलई में, 35 वर्षीय अनिल कुमार साहू और 17 वर्षीय छात्र नितिन धनकर का अंतिम संस्कार जोरातराई में, छात्र रवि पटेल, पीयूष साहू, शरद साहू और शशिकांत साहू का अंतिम संस्कार मनगट्टा में और 50 वर्षीय परदेशी विश्वकर्मा का रवेली सुरगी में किया गया।