लाखों के वाटर एटीएम बदहाल : फंड न होने का हवाला देकर कमिश्नर ने झाड़ा पल्ला

अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश में इस साल मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। सर्दी का मौसम अभी गया ही नहीं और फरवरी के महीने में भी तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है, जिससे लोग असामान्य गर्मी महसूस कर रहे हैं। गर्मियों के दिनों में राहगीरों को पानी के लिए न भटकना पड़े इसके लिए शहर के प्रमुख स्थलों में लाखों की लागत से वाटर एटीएम लगवाए गए थे, लेकिन शहर में लगे सभी वाटर एटीएम ने देख-रेख के अभाव में दम तोड़ दिया है। वर्तमान में शहर का एक भी वाटर एटीएम संचालित नहीं हो रहा है। नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता का खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि, लोगों को पेयजल की समस्या से राहत देने के लिए 1 रुपये में 1 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सके। इसके लिए वाटर एटीएम लगाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर दिया गया। इसके बाद भी जरूरतमंदों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो रहा है शहर के 7 स्थानों में वाटर एटीएम लगाया गया है जो अब पूरी तरीके से कबाड़ में तब्दील हो गया है। शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय, नया बस स्टैंड, नगर निगम कार्यालय, चौपाटी, जिला अस्पताल, बजरंगपुर नवागांव और अन्य स्थानों पर वाटर एटीएम लगाया गया है लेकिन शहर में लगे सभी वाटर एटीएम बंद पड़े हुए हैं। एक वाटर एटीएम की कीमत लगभग 7 लाख रुपये से अधिक है।
लाखों रुपये के खर्चे के बाद भी नहीं मिल रहा शुद्ध पानी
नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी वाटर एटीएम का संचालन नहीं कर पाने पर कई सवाल उठ रहे हैं निगम ने वाटर एटीएम लगाने पानी की तरह पैसा बहाया है इसके बाद भी लोगों को एक रुपए में शुद्ध आरओ का पानी नहीं मिल पा रहा है वही यह वाटर एटीएम अब विज्ञापन चिपकाने का काम कर रहा है लोग इसमें बैनर पोस्टर लगा रहे हैं। शहर के सभी वाटर एटीएम बंद पड़े हुए हैं। 7 लाख रुपये की लागत से बने ये वाटर एटीएम अब विज्ञापन चिपकाने के काम आ रहा है।

नगर निगम आयुक्त ने फंड नहीं होने का दिया हवाला
नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने बताया कि शहर के जभी वाटर एटीएम अभी बंद हैं, क्योंकि उसके रिपेयर के लिए हमारे पास फंड नहीं है, इसलिए हम उसे रिपेयर नहीं करवा पाये हैं।
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