राजा शर्मा- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम बापूटोला में सर्व आदिवासी समाज द्वारा आदिवासी प्रतिरोध सभा एवं आदिवासी अधिकार यात्रा का आयोजन किया गया था। इसमें हिस्सा लेने के लिए जिले भर के आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभा के बाद आदिवासी समाज के लोगों द्वारा नेशनल हाईवे 53 पर बैठ कर सभा की गई। जिसके चलते लगभग 2 घंटे नेशनल हाईवे जाम रहा। जिसके बाद आदिवासी समाज ने अपनी मांगों को लेकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा और उनका प्रदर्शन समाप्त हुआ।
दरअसल, राजनांदगांव जिले के सर्व आदिवासी समाज के द्वारा नेशनल हाईवे 53 में चिचोला पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले ग्राम बापू टोला में आगामी पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में विसंगति के विरोध में आदिवासी प्रतिरोध सभा एवं आदिवासी अधिकार यात्रा का आयोजन किया गया था। जहां बड़ी संख्या में जिले भर से आदिवासी समाज के लोग पहुंचे थे। जो सभा के आयोजन के बाद पदयात्रा करते हुए नेशनल हाईवे 53 पर पहुंचे और हजारों की संख्या में सड़क पर बैठ गए और सड़क पर ही सभा का आयोजन किया जाने लगा। सर्व आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा नेशनल हाईवे 53 पर बैठकर सभा करने के दौरान लगभग दो घंटे तक नेशनल हाईवे पर जाम की स्थिति बनी रही और गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई।
आरक्षित सीटों में विसंगति का लगाया आरोप
आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि, वर्ष 2011 से ही समाज 32% आरक्षण के लिए लड़ता रहा है। सरकारें बदलती रही लेकिन आदिवासियों की मांगे कभी पूरी नहीं हुई। जबकि समाज वह मांग करता है जो संविधान में भी लिखा हुआ है। आगामी पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव में समाज के लोगों ने अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीटों में विसंगति करने का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि जिस प्रकार ओबीसी का जनगणना कर सीट बटवारा किया गया है। इसी तरह ST समाज का भी जनगणना की जानी चाहिए। लगातार ST समाज के वोटरों की संख्या बढ़ रही है और सीटों में आरक्षण को घटाया जा रहा है। यह पूरी तरह से अनुचित है।
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जिम्मेदारों तक पहुंचाया जाएगा ज्ञापन- एसडीएम
इस मामले को लेकर एडीएम ने कहा कि, ST समाज ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि, आगामी पंचायत एवं निकाय चुनाव में आदिवासी समाज ने अपनी जनसंख्या के हिसाब से सीटों के आरक्षण की मांग की है। जिसे जिसे लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम अलग- अलग ज्ञापन सौंपा हैं। जिन्हें उचित माध्यम से जिम्मेदारों तक पहुंचा दिया जाएगा।