दिलीप वर्मा - तिल्दा नेवरा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के शासकीय प्राथमिक शाला तिल्दा पुरानी बस्ती में रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नन्हे- मुन्ने बच्चों ने बढ़कर चढ़ा कर हिस्सा लिया। भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन के पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। 

शिक्षिकाओं ने पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधकर लिया सुरक्षा का वचन 

पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर लिया सुरक्षा का वचन

शिक्षकों ने बताया कि, बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के विकास के साथ-साथ आपसी प्रेम और सहयोग की भावना बनाएं रखे है। इस मौके पर सभी भाइयों ने अपनी बहनों को सुरक्षा का वचन दिया। इसके साथ ही शिक्षिकाओं ने पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर उसकी सुरक्षा का वचन भी लिया है ।

 ये लोग रहे मौजूद 

इस कार्यक्रम में प्रधानाध्यापिका स्वाति भारद्वाज, शिक्षिका रीता सेन, छाया वर्मा, देवजानिक वर्मा, नवकेतन मिश्रा,डमरू लाल साहू, चंदा साहू , नन्हे- मुन्ने उपस्थित  थे। 

भाइयों ने बहनों की सुरक्षा का लिया संकल्प

बता दें  कि, भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार, रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 

भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है रक्षाबंधन

सावन में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों भी बाँधी जाती है।