रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर राम वन गमन पथ से जुड़े मंदिरों में भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसको लेकर संस्कृति विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों में 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाने को कहा गया है। साथ ही रंग रोगन करने का भी निर्देश दिया है।
भगवान राम वनवास काल में 25 जगहों से होकर गुजरे थे। प्राण प्रतिष्ठा पर अब इन जगहों पर रामायण पाठ के साथ महाआरती होगी। सामाजिक संस्था की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। सीतामढ़ी-हरचौका में भव्य गंगा आरती की तैयारी है। प्रभु श्रीराम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अभिषेक व विधिवत पूजन होगा। वनवास के 14 साल के समय 4 महीने का वक्त उन्होंने यहां बिताया था। मां सीता की रसोई यहां है। 22 को यहां 5 मानस मंडली दिनभर रामायण भजन पाठ करेंगी।
शिवरीनारायण और तुरतुरिया में दीपों से सजेगा दरबार
शिवरीनारायण में रुककर भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे, तो वहीं तुरतुरिया में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम है। इन दोनों ही जगहों पर प्राण प्रतिष्ठा में दिनभर धार्मिक अनुष्ठान होंगे। अयोध्या में प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर में भी भगवान की विधिवत पूजा की जाएगी। यहां हजारों दीपों में भगवान श्रीराम का दरबार सजेगा। फूल और आकर्षक लाइट से मंदिर को सजाया जाएगा। बाहर से आए पर्यटकों को जगह के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा सरगुजा जिलें के रामगढ़ की पहाड़ी में हवन पूजन का आयोजन किया गया है।
चंदखुरी में अयोध्या की तर्ज पर होगी पूजा चंदखुरी माता कौशल्या मंदिर में अयोध्या के तर्ज पूजा और उत्सव मनाया जाएगा। 22 को गंगा आरती का आयोजन किया गया है। इसके अलावा दिनभर मानस मंडली मंदिर में प्रस्तुति देगी। धार्मिक अनुष्ठानों पर भक्तगढ़ भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा राजिम, सिहावा, जगदलपुर, कोरिया, सरगुजा, जशपुर समेत आधा दर्जन से अधिक राम वन गमन मंदिरों में महाआरती होगी।
मंदिर में शुरू हुआ सफाई अभियान
प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में सात दिनों तक सफाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। जनप्रतिनिधि के साथ-साथ मंदिर समिति के सदस्य और अधिकारी गढ़ मंदिरों में रंग रोगन के साथ सफाई कर रहे हैं। यह क्रम 21 जनवरी तक पूरे प्रदेश में जारी रहेगा।
प्राचीन मंदिरों में मनेगा उत्सव
संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि, प्रदेश में राज्य संरक्षण इमारत 63 है। मंदिरों में विधिवत पूजा के साथ दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसके अलावा सभी जिले के कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों में रंग रोगन के साथ प्राण प्रतिष्ठा पर मानस मंडली का आयोजन किया जाए। 146 ब्लॉक के मंदिरों में विशेष आयोजन होगा।