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बहुचर्चित कोयला घोटाले में फंसी आईएएस रानू साहू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाईकोर्ट ने एक बार फिर उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल घोटाला मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट ने आईएएस रानू साहू जमानत याचिका ख़ारिज कर दी। वो काफी समय से जेल में बंद हैं। गुरुवार को उनकी जमानत अर्जी पर सोमवार को हाईकोर्ट में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने सभी पक्षकारों की ओर से दी गई दलीलों को सुना जिसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इससे पहले 14 दिसंबर को 2023 को IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर बहस हुई थी। उस दौरान रानू साहू के वकील ने अपने तथ्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन सुनवाई अधूरी रह गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए उन्हें 8 फ़रवरी का समय दिया था। अब कोर्ट में सुनवाई पूरी तो हो गई है, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया है।

पिछले वर्ष ईडी ने किया था गिरफ्तार 

उल्लेखनीय है कि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने IAS रानू साहू को पिछले वर्ष 22 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद रानू साहू ने अपने वकील के जरिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अब इस मामले में सुनवाई शुरू है, लेकिन जज ने उन्हें कोई राहत देने के बजाय उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

राज्य सरकार ने किया सस्पेंड 

आईएएस रानू साहू 2010 बैच की IAS अधिकारी हैं। राज्य शासन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 22 जुलाई 2023 को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। पिछले वर्ष प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय ने 540 करोड़ रुपए के कथित कोयला घोटाले का खुलासा किया था। इसके बाद 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी घर पर ED ने छापा भी मारा गया था। करीब चौबीस घंटे तक चली जांच के बाद ED ने 22 जुलाई की सुबह IAS रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया था।

ये भी हैं गिरफ्तार 

इस मामले में रानू साहू के अलावा सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई, एसएस नाग, सूर्यकांत तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा कुछ कांग्रेसी नेता भी जांच के दायरे में आए थे। फिलहाल यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। कोयला घोटाले में उन पर लगे गंभीर आरोप की भी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।

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