रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बढ़ाया गया चार दिनों का समय भी बीत गया। आखिरी दिन 4 फरवरी को रात 8 बजे तक की स्थिति में कुल 6 हजार 172 किसानों ने धान बेचा। यह संख्या कुछ और बढ़ने की संभावना है। इस बीच राज्य में कुल मिलाकर 144 लाख 91 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। जानकारों का अनुमान था कि इस सीजन में 150 लाख मीट्रिक टन धान आ सकता है, पर इतनी मात्रा में धान नहीं आया।

छत्तीसगढ़ में इस साल जो धान खरीदी की गई है, वह राज्य में अब तक की सर्वाधिक खरीदी है। पिछले सीजन में सरकार ने 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था। इस हिसाब से धान खरीदी का लक्ष्य पूरा हो गया है और सबसे अधिक खरीदी का रिकॉर्ड भी बना है।

24 लाख 72 हजार किसानों ने बेचा धान 

राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए इस साल 26 लाख 60 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था, लेकिन खरीदी की निर्धारित अवधि के साथ चार दिन और बढ़ाए जाने के बाद भी कुल मिलाकर 24 लाख 72 हजार 416 किसानों ने धान बेचा है। यह धान खरीदी के अंतिम दिन रविवार को रात 8 बजे तक की स्थिति में सामने आया आंकड़ा है। इसमें मामूली संशोधन होने की संभावना है। इस हिसाब से करीब दो लाख के आसपास किसानों ने धान नहीं बेचा। हालांकि हर साल होता ये है कि पंजीयन कराने वाले सभी किसान धान बेचने नहीं आते।

धान की कीमत भी सबसे अधिक

छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की सबसे अधिक कीमत भी छत्तीसगढ़ मिल रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2018 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने की शुरुआत हुई थी। 2023 में भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किसानों को प्रति क्विंटल धान का मूल्य 31 सौ रुपए देने की घोषणा की थी। हालांकि अब तक जो खरीदी हुई है, वह केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर हुई है। अब राज्य सरकार 31 सौ के हिसाब से अंतर की राशि जारी करेगी। हालांकि यह राशि अभी जारी नहीं की गई है।