जितेंद्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए सख्त हो गई है। पुलिस ने एक बार फिर किराये पर मकान देने वाले मालिक, लॉज और गेस्टहाउस संचालक के लिए एडवाइजरी जारी किया है। जारी एडवाइजरी के अनुसार, किरायेदारों की विस्तृत जानकारी थाने में देनी होगी। साथ ही उनका पूरा विवरण रखना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
जशपुर पुलिस ने अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए किराये पर देने वाले मकान मालिक, लॉज और गेस्टहाउस संचालक के लिए एडवाइजरी जारी किया है। @JashpurDist pic.twitter.com/7CKMCnmTdG
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 14, 2024
दरअसल, जशपुर में बढ़ते असामाजिक तत्वों के आतंक और अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने किराए पर मकान देने वाले मालिक, लॉज और गेस्टहाउस संचालक के लिए एडवाइजरी जारी किया है। जारी एडवाईजरी में कहा है कि, जन सुरक्षा के हित में और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सभी मकान संचालक किराए पर कमरा देने से पहले अपने किरायेदारों की पहचान का कड़ाई से सत्यापन कर ले।
इसे भी पढ़ें....पति ने लगाई घर में आग : सिलेंडर हुआ ब्लास्ट, बचाने गए दो आरक्षक भी झुलसे
किरायेदारों का विस्तृत रिकॉर्ड रखे
जारी एडवाइजरी के अनुसार किराए पर रहने वालों की सूचना सम्बंधित थाना और चौकी को अनिवार्य रूप से देने को कहा गया है। वहीं मामले में एसपी ने कहा कि, कुछ मामलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति बिना उचित सत्यापन के आवास किराए पर लेने में सफल हो रहे हैं। इसकी वजह से विभिन्न सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है। किरायेदारों से आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसे मूल पहचान पत्र देखने के बाद ही किराये पर घर दे। किरायेदारों दो रेफरेंस देने और उनके संपर्क विवरणों का सत्यापन करना अनिवार्य करे। आगे उन्होंने बताया कि, भविष्य के संदर्भ के लिए सभी किरायेदारो के नाम, पता, संपर्क जानकारी और उनके पहचान दस्तावेजों की प्रतियों का विस्तृत रिकॉर्ड रखे।
थाने में किरायेदारों का विवरण देना अनिवार्य
नए किरायेदारों और उनके विवरण के बारें में स्थानीय पुलिस थानों को सूचित करना अनिवार्य है। किरायेदारों की गतिविधियों पर नियमित रूप से नजर रखे और किसी भी संदिग्ध व्यवहार की तुरंत पुलिस को सूचना दें। एसपी शशिमोहन सिंह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 34(6) में प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले के समस्त मकान मालिकों का आदेशित किया गया है। उन्होंने बताया कि, धारा 233 BNS के तहत दंडनीय है। पुलिस अपराध को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबंध है। साथ ही एसपी ने सभी नागरिकों से इसमें सहयोग करने की अपील की।