रायपुर । नई दिल्ली  में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए 28 में से 16 राज्यों की झांकियों का चयन किया गया है। इसके लिए कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की आदिम जनसंसद-मुरिया दरबार को चयनित किया गया है। बताया जा रहा है कि, झांकी के आकर्षक विषय और डिजाइन के कारण ही रक्षा मंत्रालय की विशेष समिति ने इसका चयन किया है। प्रदेश के मुखिया सीएम विष्णुदेव साय ने इस सफलता के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दी है। 

छत्तीसगढ़  की  झांकी  भारत  सरकार  की  थीम  भारत  लोकतंत्र की जननी  पर  आधारित  है।  यह झांकी आदिकाल से ही भारतीय समाज में लोकतंत्र की मौजूदगी को दर्शाती है। खास बात यह है कि, 600 साल से चली आ रही यह परंपरा आज भी प्रचलित है। इस झांकी में मुरिया दरबार और लिमऊ राजा को दर्शाया गया है।  मुरिया दरबार बस्तर दशहरा  पर्व की एक प्रमुख  परंपरा है।  इस परंपरा की शुरूआत कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर के लिमऊ राजा से मिलता है। इस परंपरा से जुड़ी लोककथा की बात करें तो बताया जाता है कि आदिम समाज में जब कोई राजा नहीं था, तब समाज के लोग एक नींबू (लिमऊ) को  राजा मानकर आपस में ही निर्णय कर लिया करते थे। 

ऐसे  किया  जाता  है  झांकियों  का  चयन 
सबसे पहले तो झांकी की थीम और डिजाइन  की  खोज की गई। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में इसे तैयार किया गया। फिर पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया के बाद इस झांकी को स्वीकृति मिली। रक्षा मंत्रालय की समिति के चयन के बाद झांकी का थ्री डी मॉडल पेश किया गया। फिर संगीत का चयन किया  गया और अंतिम स्वीकृति  मिली। 

राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश और विभागों से मांगा जाता है प्रस्ताव 
परेड में शामिल होने वाली झांकियों के लिए रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश और विभागों से प्रस्ताव मांगता है। इसके बाद इन प्रस्तावों का मुल्यांकन किया जाता है। फिर विशेषज्ञ समिति के साथ विभिन्न चरणों में कई बैठकें होती हैं। इस कमेटी में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति और कोरियोग्राफर आदि शामिल रहते हैं। फिर विशेषज्ञ समिति थीम के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है। अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव के आधार पर सिफारिशें की जाती है।