रायपुर। राजधानी के रेलवे आरक्षण केंद्र में लगभग 35 साल के बाद बुकिंग सिस्टम में बदलाव होने जा रहा है। वर्तमान में रेलवे कर्मचारी जिस कंप्यूटर सिस्टम से यात्रियों का टिकट बुक करते हैं, उसमें माउस का उपयोग नहीं किया जाता, केवल की-बोर्ड की मदद से टिकट बुक करते हैं। यह शुरुआत से चला आ रहा है। अब रेलवे बोर्ड इस सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है, जिसमें रेलवे कर्मचारी टिकट बुकिंग के लिए की-बोर्ड के साथ माउस का भी उपयोग करते नजर आएंगे। इसके साथ रेलवे बोर्ड द्वारा अब नेक्स्ट जनरेशन पीआरएस सिस्टम तैयार कराया जा रहा है, जिसका ट्रायल शुरू कराया गया है।
बुकिंग क्लकों की ट्रेनिंग भी दिल्ली में कराई जा रही है। इस नए पीआरएस सिस्टम को वेबसाइट की तर्ज पर तैयार कराया गया है, जिसमें टिकट आरक्षित करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम क्रिस द्वारा तैयार किए गए नए सिस्टम में आरक्षण से लेकर टिकट रद्द करने, टिकट में बदलाव करने के अलग-अलग विकल्प मौजूद रहेंगे। इस नए सिस्टम को आगामी अगस्त से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
सीधे दिल्ली से रहेगा कनेक्शन
इस नए सिस्टम का कनेक्शन सीधे दिल्ली स्थित क्रिस के सर्वर से रहेगा। अभी जो कंप्यूटर लगे हुए है, उनका कनेक्शन रेलवे के सिग्नलिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन, एसएंडटी विभाग में लगे सर्वर से रहता है। कई बार जब इस सर्वर में खराबी आ जाती है, तो स्थानीय स्तर पर आरक्षण का काम ठप हो जाता है। यह नया सिस्टम सीधे दिल्ली से जुड़ा होगा। ऐसे में स्थानीय स्तर पर कोई तकनीकी खराबी के कारण काम बाधित नहीं होगा। दिल्ली में यदि सर्वर में कोई समस्या होती है, तभी आरक्षण का काम रुकेगा।
काउंटरों से न लौटें इसलिए नया सिस्टम
नया सिस्टम लाने के पीछे मुख्य कारण यह भी है. रेलवे नहीं चाहता कि काउंटर से बिना टिकट खरीदे यात्री लौटें। कई बार इंटरनेट की गति धीमी होने की स्थिति में टिकट बुकिंग में दिक्कत आती है। इसीलिए कई यात्री आरक्षण केंद्र टिकट खरीदने पहुंचते हैं। रेलवे का प्रयास था कि टिकट बुकिंग को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया जाए, ताकि लोग घर बैठे ही टिकट बुकिंग कर सकें। आईआरसीटीसी के मोबाइल एप और वेबसाइट के जरिए इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है।
नए सिस्टम से होगा काम
दपूमरे सीपीआरओ विकास कश्यप ने बताया कि,रेलवे अब आरक्षण कार्य के लिए नेक्स्ट जनरेशन पीआरएस सिस्टम तैयार कर रहा है। सर्वर बढ़ाया जा रहा है। नए सर्वर से काम में तेजी आएगी और यात्रियों को भी इसका लाभ होगा।