जगदलपुर। बस्तर राजपरिवार के युवराज के शाही शादी पर राजमहल गुलजार है। 5 दिनों के विवाह उत्सव में दंतेवाड़ा से पहुंची कुलदेवी मांई दंतेश्वरी के छत्र और छड़ी की अगवानी राजमहल में आज राजपरिवार ने की। देवी का छत्र और छड़ी कल शाम आ गई थी, जिसे जिया डेरा में रखा गया था । आज दंतेवाड़ा से कुलदेवी को लेकर पहुंचे प्रमुख पुजारी जिया महाराज तथा अन्य सेवादारों ने परंपरानुसार छत्र और छड़ी लेकर राजमहल के लिए रवाना हुए। महल में महाराजा कमलचंद्र भंजदेव को आशिष देने का कार्यक्रम पूर्ण किया गया।
महाराजा ने हरिभूमि से चर्चा में कहा कि, राजपरिवार की कुलदेवी को नागौद जाना था लेकिन फागुन मंडई की डेरी गड़ाई होने से जिया पुजारी, राजगुरू नवीन ठाकुर और मेरे बीच चर्चा हुई। महाराजा ने स्वयं कहा कि डेरी गड़ाई के बाद कुल देवी के छत्र और छड़ी को वापस दंतेवाड़ा जाना उचित होगा। इसलिए अब नागौद नहीं ले जाया जाएगा। उन्होंने हरिभूमि से कहा कि कुल देवी ने राजमहल में मुझे आशिष दे दी है, इसलिए मैंने पूजा अर्चना के बाद कुलदेवी के छत्र और छड़ी को वापस दंतेवाड़ा ले जाने को कहा।
बस्तर राजपरिवार के युवराज के शाही शादी पर राजमहल गुलजार है। 5 दनों के विवाह उत्सव में दंतेवाड़ा से पहुंची कुलदेवी मांई दंतेश्वरी के छत्र और छड़ी की अगवानी राजमहल में आज राजपरिवार ने की. @BastarDistrict #Chhattisgarh #marriage pic.twitter.com/fhQcVvQrEO
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इस तरह राजमहल में कुलदेवी की विशेष पूजा के बाद राजगुरू और तमाम लोग शाम को राजमहल से जिया डेरा की ओर रवाना हुए। बाजे, गाजे, आतिशबाजी और लोक नर्तक दलों के साथ भारी सुरक्षा के बीच देवी का छत्र और छड़ी जिया डेरा पहुंची जहां सशस्त्र जवानों ने बंदूक से गोली दागकर सलामी दी। यहां से अब देवी दंतेवाड़ा के लिए रवाना हो जाएगी। वहीं राजमहल से कल सुबह एयरपोर्ट के लिए निकलने वाली बारात के लिए जयपुर से हाथी, दुर्ग से 2 बग्घी के साथ 12 घोड़े और रायपुर से 4 ऊंट लाए गए हैं। इन सभी को वाहन में लादकर आज उनके सेवा करने वाले महावत और अन्य लोग पहुंचे। उन्होंने बताया कि कल सुबह बारात निकलेगी उसमें हाथी, घोड़े और ऊंट शामिल होंगे।
भीलवाड़ा की शहनाई नगाड़ा और गंगानगर का बैगपैपर मसक की धुन महल में गुंजी
पूरे बस्तर से पहुंचे आदिवासियों के अलावा विभिन्न प्रांतों से आए राजा, महाराजा और उनके परिवार के लोगों से राजमहल में रौनक छाई है। वहीं राजस्थान के गंगानगर से पहुंचे कुंदनलाल अपने साथी के साथ बैगपैपर मसक बजाते रहे। वहीं भीलवाड़ा से आए रामश्रुति टीम के साथ नगाड़ा के साथ शहनाई की धुन से माहौल को खुशनुमा बना रहे थे। उन्होंने कहा कि बस्तर पहली बार आए हैं। राजपरिवार की शानो शौकत देखकर अच्छा लग रहा है।
135 वर्षो के बाद हो रही है बस्तर में शाही शादी
राजमहल से बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव की बारात निकली है। शाही बारात को देखने पूरा बस्तर उमडा है। 135 वर्षो के बाद बस्तर में शाही शादी हो रही है। इससे पहले कई राजाओं की शादी बस्तर से बाहर हुई थी और अब कई दशकों के बाद बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव की शादी हो रही है। 22 फरवरी को मध्यप्रदेश के नागौद में बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव की शादी होगी।
राजस्थान के पाली से पहुंचा शाही नाट दल
शाही शादी में विशेष तौर पर 100 लोगों का संगीत समूह राजस्थान के पाली से पहुंचा है। जो शाम को ही नागौद के लिए रवाना हो गए, जहां नागौद रियासत की बारात में अपनी प्रस्तुति देंगे। हरिभूमि से चर्चा में दल के प्रमुख ने बताया कि सड़क मार्ग से अभी निकलकर कल वहां पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में पहली बार आना हुआ है।