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विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में खुलकर सामने आ चुके अंतरकलह को खत्म करना पायलट के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है।

रायपुर। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने और सरकार गठन के बाद अब छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनो ही पार्टियों ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलेट 9 जनवरी को आने वाले हैं। 

उल्लेखनीय है कि, विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की जगह राजस्थान के नेता सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभार सौंपा है। यह उनका बतौर प्रदेश प्रभारी पहला छत्तीसगढ़ दौरा होगा। बताया जा रहा है कि, यहां श्री पायलट कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करेंगे और संगठन की पूरी जानकारी लेंगे। गुरुवार को ही पीसीसी चीफ दीपक बैज ने दिल्ली में श्री पायलट से मुलाकात की थी। ठीक लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी ने सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का जिम्मा सौंपा है। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली है। प्रदेश के नेताओं के साथ होने वाली बैठक में इन विषयों को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

अंतर्कलह मिटाना होगी बड़ी चुनौती

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में अंतर्कलह चरम पर है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को एकजुट करके लड़ने के लायक तैयार करना पायलट के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। 

कुमारी सैलजा पर लगे थे आरोप 

 

kumari Sailja
 

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद कुछ पूर्व विधायकों ने कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पैसों की लेन-देन के आरोपों के साथ ही ऑडियो-वीडियो वायरल हुए थे। इसके अलावा टिकट कटने को लेकर भी सैलजा पर लगातार सवाल उठते रहे। जिन विधायकों का टिकट काटा गया था, उन्होंने दिल्ली में कई नेताओं से सैलजा की शिकायत की। कई पूर्व विधायकों ने सैलजा के खिलाफ आलाकमान को सबूत देने तक की बात कही थी।

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