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एमसीबी जिले में रेत माफियाओं की भूख लगातार बढ़ती जा रही है। नदियों का सीना छलनी के बाद अब उनकी नजर गरीबों के घरों पर भी है। जमीन खाली कर ट्रकों के लिए रास्ता बनाने के लिए वे जान लेने तक की धमकी दे रहे हैं।

रविकांत सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले में रेत नदियों का सीना चीरकर भी माफियाओं का पेट नहीं भर रहा। अब उनकी नजरें गरीबों के आशियाने पर भी है। 

मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के ग्राम पंचायत हरचौका के आश्रित ग्राम घुघरी में प्रधानमंत्री आवास पाने वाले बैगा जनजाति के व्यक्ति की जमीन भी खाली करवाने पर रेत माफिया लगा हुआ है। वहीं पर शासन- प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं। हरचोका वह ग्राम है जहां वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने कुछ दिन गुजारे थे। 

तमाशबीन बने हैं अफसर

बता दें कि, एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र जनकपुर के हरचौका एक बार फिर से रेत के कारोबारी को लेकर सुर्खियों में हैं जहां पर बड़े-बड़े जेसीबी मशीन वाहनों के आने-जाने को लेकर मनमानी देखी जा रही है। जहां पर बैगा जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिला था जिसे अपनी जमीन पर बना रहे थे, वहां पर रेत माफियाओं के द्वारा उन्हें हटाने की कोशिश की जा रही है। वहीं राजस्व अधिकारी भी मौके पर पहुंचते हैं लेकिन सिर्फ तमाशबीन बनकर रह जाते हैं। 

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ग्रामीण कर रहे विरोध

वहीं बैगा जनजाति के लोगों ने बताया कि, हम कई वर्षों से यहीं पर रहते हैं और इसी जमीन के आधार पर प्रधानमंत्री आवास मिला है। रेत कारोबारियों के दबाव में जमीन को खाली करने को बोला जा रहा है ताकि रेट का परिवहन करने वाले बड़े-बड़े हाईवा वाहन आसानी से आ जा सके। वहीं ग्रामीण और बैगा परिवार के लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।

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