कांग्रेस में बगावत : बागी जनपद सदस्यों के सहारे भाजपा समर्थित बने सभापति, बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह 

सारंगढ़ जिले के जनपद पंचायत बरमकेला में जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी खींचतान हुई थी। ऐसे में कांग्रेस समर्थित जनपद अध्यक्ष डॉ. विद्या किशोर चौहान व जनपद उपाध्यक्ष ओंकार पटेल बने। ;

By :  Ck Shukla
Update:2025-04-12 19:19 IST
जनपद सदस्यों के साथ सभापतिChairman with district members
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देवराज दीपक- सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले के जनपद पंचायत बरमकेला मे त्रिस्तरीय चुनाव के बाद राजनैतिक पारा तेज हो गया है। ऐसे में जनपद पंचायत बरमकेला का चुनावी समीकरण काफी चर्चे में हैं। जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी खींचतान हुई थी। ऐसे में कांग्रेस समर्थित जनपद अध्यक्ष डॉ. विद्या किशोर चौहान व जनपद उपाध्यक्ष ओंकार पटेल बने। 

जिसमें कांग्रेस के खेमे मे 13 जनपद सदस्य और भाजपा खेमे मे 12 जनपद सदस्य थे। अब सभापति चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस मे फिर एक बार जोर देखने को मिला है। जनपद पंचायत बरमकेला मे कांग्रेस की एक सीट बहुमत थी। लेकिन कांग्रेस से बगावत करके दो बागी जनपद सदस्य घनश्याम इजारदार व यशोदा रोहित वर्मा ने भाजपा समर्थित सभापति बने। ऐसे में भाजपा की खेमे से सभी सभापति बनाए जाने पर भाजपा कार्यकर्त्ताओ मे काफ़ी ख़ुशी का माहौल है। अब कांग्रेस कार्यकर्त्ता बागी जनपद सदस्यों मे काफी रुष्ट हैं। 

कार्यकर्ताओं के साथ सभापति

रिपा योजना में हुआ भ्रष्टाचार 

सूत्रों के अनुसार पूर्व कांग्रेस सरकार की महत्त्वकांक्षी योजना रिपा में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। जांच किए जाने पर बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। घनश्याम इजारदार जनपद उपाध्यक्ष बनने की चाहत रखते थे। लेकिन संगठन किसी ओर के नाम मुहर लगाने पर भाजपा मे प्रवेश करने की भी इच्छा जताया था। अब भाजपा की तरफ से भी जनपद उपाध्यक्ष बनने का गोल्डन ऑफर था। लेकिन घनश्याम इजारदार जनपद उपाध्यक्ष पद से चुकने के बाद, कांग्रेस से बगावत करके भाजपा खेमे मे सभापति बन गए हैं। जिससे कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्यों ने भी उन्हें अपना वोट देकर धन्यवाद ज्ञापित किया।

रोहित वर्मा ने थामा बीजेपी का दामन 

यशोदा रोहित वर्मा ने भी कांग्रेस से बगावत करके सभापति बन गई है। कांग्रेस से बगावत की बड़ी वजह सूत्रों के अनुसार रोहित वर्मा देवगांव वाले पेशे से एक व्यापारी व ठेकेदार हैं। ऐसे में अपना ठेकेदारी बचाने भाजपा मे गए हैं। आखिर क्या भ्रस्टाचार करने पर भी भाजपा समर्थित अगर कोई हो तो उस पर कार्यवाही नहीं होती क्या? अब रोहित वर्मा भय से अपना ठेकेदारी साम्राज्य को बचाने भाजपा का दामन थाम लिया है। फिलहाल कांग्रेस ने इन्हें अभी तक पार्टी से निष्कासित नहीं किया है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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