रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में करोड़ों की खरीदी के एक पुराने मामले में स्कूल शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने चार तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने सदन में घोषणा की। उन्होंने कहा, 36 करोड़ 51 लाख रुपये की खरीदी हुई थी। उद्योग विभाग से मिलने वाली छूट भी नहीं ली गई। कोरोना काल के दौरान पूर्व सरकार में बिना अनुमति के खरीदी की गई। प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा, स्कूल शिक्षा विभाग में बिना निविदा के खरीदी की गई।
स्कूलों में सामान की खरीदी में 50 करोड़ की अनियमितताएं नियमों को ताक पर रख कर की गईं। उस समय कोरोना काल एक बहाना, आपदा में अवसर तलाशा गया है। उन्होंने इस पर कमेटी बनाकर जांच की मांग की। जवाब देते हुए स्कूल शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, वास्तव में 50 करोड़ की खरीदी नहीं हुई थी। 36 करोड़ 51 लाख रुपये की खरीदी हुई थी। उद्योग विभाग से मिलने वाली छूट भी नहीं ली गई। कोरोना काल के दौरान पूर्व सरकार ने खरीदी की। बिना अनुमति के खरीदी की गई। सूरजपुर, मुंगेली, कोंडागांव, बस्तर, बीजापुर के जिला शिक्षा अधिकारियों ने बिना अनुमति के 36 करोड़ रुपये की खरीदी की। एक जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया। बाकी के तीन पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
चार किए गए निलंबित
मंत्री ने बताया कि पूर्व में एक जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। 4 जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा करता हूं। सूरजपुर जिला 11 करोड़ 3670, मुंगेली 99 लाख 95 हजार, बस्तर में 20 करोड़, बीजापुर में 53 लाख, कोंडागांव में 3 करोड़ की खरीदी की गई। मंत्री ने विनोद कुमार राय, पीएस एलमा, प्रमोद ठाकुर, राजेश मिश्रा को निलंबित किया।
पीएस एल्मा के नाम पर हंगामा
पीएस एलमा का नाम लेने पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। सदस्यों ने कहा, एलमा कलेक्टर हैं, जिस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, एलमा शिक्षा अधिकारी नहीं हो सकता क्या। लखमा बोल दूं क्या।