रायपुर। नवा रायपुर के सेक्टर-24 में मुख्यमंत्री और मंत्री निवास बनकर लगभग तैयार हो चुका है। यहां पर शिफ्टिंग का पूरा मामला सुरक्षा, सुविधाओं के विकास और अन्य मामलों को लेकर अटका हुआ है। मुख्यमंत्री निवास के पास ही मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष का बंगल तैयार किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग, गृह विभाग और अन्य विभाग द्वारा यहां पर सुविधाओं का आकलन किया जा रहा है। पुलिस और पीडब्ल्यूडी सुरक्षा, मेडिकल इमरजेंसी समेत सभी मुद्दों पर रिव्यू कर रहे हैं। उसके बाद मंत्री शिफ्ट हो सकते हैं। सेक्टर-24 में बनने वाले राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, विधानसभा अध्यक्ष निवास, मंत्रियों के आवास गृह और वरिष्ठ अधिकारियों के आवासीय परिसर 591.75 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किया जा रहा है।
प्लान के मुताबिक ,राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, विधानसभा अध्यक्ष निवास, मंत्री परिषद के सदस्यों के आवास और वरिष्ठ अधिकारियों के आवास नवा रायपुर में तैयार होने से यहां पर बसाहट बढ़ेगी। यहां अफसरों के लिए सेक्टर- 18 में ऐसे 78 बंगले भी तैयार हो रहे हैं। यहां पर विधानसभा भवन का निर्माण जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। यहां पर विधानसभा के अफसर और कर्मियों के लिए भी आवासीय परिसर तैयार करने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यहां पर सुरक्षा के तहत बाउंड्रीवाल की ऊंचाई, बंगले के चारों ओर निगरानी के लिए बनाए जाने वाले वॉच टॉवर की स्थिति, बंगले में आने-जाने वाले रास्ते, बंगले के करीब आबादी, सीएम हाउस में एंट्री के रास्ते, सुरक्षा बल के जवानों को किन-किन प्वाइंट पर ड्यूटी करना है। इमरजेंसी के दौरान बैकअप प्लान क्या-क्या हो सकते हैं? इमरजेंसी के लिए मेडिकल की सुविधा आसपास कैसी है, सीएम हाउस से सबसे करीबी पुलिस थाने की दूरी कितनी है। इन बातों का अभी प्लान तैयार होने के बाद शिफ्टिंग का अंतिम निर्णय होगा।
नया रायपुर में मुख्यमंत्री और मंत्री बंगले तैयार
नया रायपुर में मुख्यमंत्री निवास बनकर तैयार है, इसके पास ही मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष का बंगला भी तैयार किया गया है। कुल मिलाकर 14 बंगलों का निर्माण किया गया है। नई सरकार बनने के बाद यहां पर शिफ्ट होने की चर्चा थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से यहां पर शिफ्टिंग नहीं हो पाई। संपदा विभाग ने यहां पर तीन मंत्रियों रामविचार नेताम, दयालदास बघेल और लक्ष्मी राजवाड़े को बंगला भी आवंटित किया है। यहां शिफ्टिंग को लेकर निर्णय लिया जाना है।
बंगलों की देखरेख के लिए दो दर्जन से अधिक कर्मी
लोक निर्माण विभाग की देखरेख में यहां पर निर्माण कार्य अभी जारी है। जो बंगले तैयार हो चुके हैं, वहां पर बनाए गए गार्डन की देखरेख के लिए दो दर्जन से अधिक कर्मी नियमित रूप से लगे हैं। यहां पर सुरक्षा के लिए निजी लोगों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। यहां पर राजभवन, विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य बंगले का निर्माण अंतिम चरण पर है। लोक निर्माण विभाग ने यहां लगातार निगरानी कर इन बंगलों की सुरक्षा और अन्य गतिविधियों पर नजर रख रही है।