रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि की पीड़ा कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती है। रविवि अब बार-बार फेल होने वाले छात्रों से परेशान हो गया है। बुधवार को विवि द्वारा 21 सेमेस्टर कक्षाओं के परिणामों की घोषणा की गई। इनमें कई एटीकेटी कक्षाओं के परिणाम भी शामिल रहे। कई विषयों की परीक्षाएं ऐसी रहीं, जिसमें छात्र संख्या दहाई के अंकों तक भी नहीं पहुंच सकी। इसमें भी आधे छात्र फेल हो गए। अब रविवि इनके लिए पुनः परीक्षाएं आयोजित करेगा।
उल्लेखनीय है कि, किसी परीक्षा में कितने भी छात्र शामिल हों, रविवि को नियमतः तीन सेट में प्रश्नपत्र तैयार करने पड़ते हैं। पेपर सेट करने वाले प्राध्यापकों को भुगतान करने से लेकर परीक्षकों को भी निर्धारित भत्ता देना होता है। ऐसे में गिनती के ही छात्रों के लिए परीक्षा लेना रविवि के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से नुकसानदायक सिद्ध होता है।
एमएससी फिजिक्स में 42% लुढ़के
कई विषय ऐसे भी रहे, जिसमें छात्र संख्या पर्याप्त रही, लेकिन इसके बाद भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। एमएससी फिजिक्स की परीक्षा 170 छात्रों ने दिलाई। इनमें से 57.65 प्रतिशत अर्थात 98 छात्र ही उत्तीर्ण हो सके। अधिक छात्र संख्या वाले अन्य विषयों के परिणाम बेहतर रहे। बीएएलएलबी पार्ट-2 द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल 195 छात्रों में से 85.13 प्रतिशत ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। एमएससी जूलॉजी चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 304 में से 84.87 प्रतिशत छात्र सफल रहे। एमए भूगोल की परीक्षा 302 छात्रों ने दिलाई। इनमें से 70.86 प्रतिशत पास हुए। एलएलएम द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में 140 और एमएड द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में 127 छात्र शामिल हुए। इनके परिणाम क्रमशः 90 व 89.76 फीसदी रहे।
बीवॉक में एक ही छात्र
बीवॉक इन इंटीरियर डिजाइन के प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा में 1 और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में 3 छात्र बैठे। एकलौते छात्र ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, जबकि तृतीय सेमेस्टर में 3 में से 2 फेल रहे। सेंटर फॉर बेसिक साइंस तृतीय सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा में 7 छात्र बैठे। इसमें 7 छात्र बैठे। इसमें भी 2 ही पास हो सके। इसी तरह एमएससी आईटी तृतीय सेमेस्टर और एमएससी भूगोल चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 2-2 छात्र ही बैठे। हालांकि इसमें सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे।