सनसनीखेज खुलासा : नाखून के लिए पांच साल में 20 भालुओं को मार डाला, रैकेट को तोड़ने पुलिस के साथ डीआरआई की मदद

रायपुर। भालू के नाखून, दांत के साथ गिरफ्तार प्रकाश नेताम के बारे में वन विभाग के अफसरों को कई सनसनीखेज जानकारी मिली है। प्रकाश द्वारा अब तक 20 से ज्यादा भालुओं का शिकार कर उनके नाखून, दांत की तस्करी कर बेचे जाने की आशंका है। वह पांच साल से तस्करी कर रहा था। तस्कर से जब्त नाखून तथा दांत का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिससे पता चल पाएगा कि जब्त नाखून तथा दांत कितने भालुओं के हैं। हाथी शावक अगहन की पोटाश बम की चपेट में आने से मौत की घटना को वन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए मामले की पड़ताल करते हुए नगरी निवासी प्रकाश नेताम को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार प्रकाश के कब्जे से वन अफसरों ने 55 पोटाश बम के साथ भालुओं के नाखून तथा दांत की जब्ती करने के साथ अन्य प्रजाति के वन्यजीवों की खाल जब्त की थी। वन अफसरों को प्रारंभिक पड़ताल में ही प्रकाश के इंटर स्टेट गिरोह से जुड़े होने की जानकारी वन अफसरों को मिल गई थी। प्रकाश के बारे में वन अफसरों को जो जानकारी मिली है, वह काफी चौंकाने वाली है। उदंती-टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन के मुताबिक वन्यजीवों की तस्करी करने वाले रैकेट से प्रकाश का काफी गहरा संबंध है। प्रकाश जिन इंटर स्टेट तस्करी नेटवर्क से जुड़ा है। उस नेटवर्क को तोड़ने पुलिस के साथ डीआरआई के साथ वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की मदद ली जा क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की मदद ली जा रही है।
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चरवाहा, लकड़हारा के रूप में निगरानी दल
वन्यजीवों का शिकार करने वाले लोग इतने शातिर होते हैं कि शिकार करने के बाद वो पकड़े न जाएं, इसके लिए जंगल में उनकी निगरानी टीम सक्रिय रहती है।
पांच साल पूर्व शिकार करते ट्रैक हुआ था
वन अफसर के अनुसार, प्रकाश पांच वर्ष पूर्व भी जंगली सुअर का शिकार करते ट्रेस किया जा चुका है। ट्रेस होने की भनक लगते ही प्रकाश जंगली सुअर का मांस छोड़ मौके से फरार हो गया था। वन अफसरों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक प्रकाश उदंती-सीतानदी के अलावा धमतरी, कांकेर तथा अन्य भालू बहुल इलाके में सक्रिय होकर भालुओं के साथ अन्य वन्यजीवों का शिकार करता था।
सीधी बात - वरुण जैन
▶ भालू के नाखून, दांत मामले में रैकेट के बारे में क्या जानकारी मिल पाई है?
▶ प्रकाश के इंटर स्टेट गिरोह से जुड़े होने की जानकारी मिली है, इसके लिए पुलिस के साथ केंद्रीय एजेंसी की मदद से जल्द ही छापे की कार्रवाई की जाएगी
▶ इंटर स्टेट गिरोह किन राज्यों तक फैला है?
▶ शिकारी तथा वन्यजीवों के अंगों तथा खाल की तस्करी करने वाले इंटर स्टेट गिरोह ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड तक फैला हुआ है। इसीलिए तस्करी गिरोह के रैकेट को तोड़ने केंद्रीय जांच एजेंसी डीआरआई की मदद ली जाएगी।
▶तस्करी गिरोह में कितने लोग शामिल हो सकते हैं, मास्टर माइंड के बारे में कुछ जानकारी मिल पाई है क्या?
▶ वन्यजीवों के अंगों तथा खाल की तस्करी करने एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। मास्टर माइंड के बारे में इनपुट मिले हैं, रैकेट को लेकर आने वाले दिनों में जल्द ही रिजल्ट सामने आएंगे।
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