रायपुर। जल विभाग के फिल्टर प्लांट और इंटेकवेल चलाने में हर साल 36 करोड़ के भारी भरकम बिजली बिल भुगतान करने में पस्त नगर निगम के अफसरों को खारुन नदी में नालों का पानी साफ करने लगाये गये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बिजली बिल ने चौंका कर रख दिया है। 2 साल में 3 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का बिजली बिल 16 करोड़ 32 लाख रुपये आया है। इस भारी भरकम बिजली बिल भुगतान करने के लिए निगम के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में अब राज्य शासन से एसटीपी के बिल का भुगतान करने अधोसंरचना मद में राशि मांगी गई है, जबकि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन व संधारण कार्य के लिए नागपुर की एसएमएस कंपनी के साथ 15 साल के लिए एग्रीमेंट हुआ है। इसमें एसटीपी का बिजली बिल नगर निगम को भुगतान करना है।
तंगहाली से जूझ रहे रायपुर नगर निगम की स्थिति दुब्बर बर दू अषाढ़ की तरह हो चली है। एक तरफ फिल्टर प्लांट से जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया में हर महीने करीब 2 करोड़ 75 लाख का बिजली बिल भुगतान करना पड़ रहा है। साल में यह राशि 36 करोड़ के करीब आंकी गई है। इस राशि के भुगतान के लिए नगर निगम को हर बार सरकार के सामने हाथ फैलाने की नौबत आती रही है। भारी भरकम बिजली बिल की राशि से राहत दिलाने भाजपा शासन काल में तत्कालीन महापौर प्रमोद दुबे के कार्यकाल में क्रेडा के माध्यम से फिल्टर प्लांट और एनीकट के बिजली बिल से निजात दिलाने सोलर प्लांट के लिए प्रधानमंत्री विद्युतीकरण योजना अंतर्गत प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया, पर मंजूरी नहीं मिल पाई। इसमें ऊर्जा विभाग से सोलर प्लांट लगाने सब्सिडी का प्रावधान था।
एसटीपी से उपचारित 15 एमएलडी पानी उद्योगों को बेच रहा निगम
नगर निगम खारून नदी में गिरने वाले 17 नाले व नालियों के सीवरेज का पानी कारा, निमोरा और चंदनीडीह में अमृत मिशन के तहत लगाये गये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित औद्योगिक इकाइयों को बेच रहा है। अब तक 15 एमएलडी उपचारित पानी का विक्रय करने शहर से लगे औद्योगिक इकाइयों
के साथ एमओयू हो चुका है। इसमें मां कुंडलगढ़ी इस्पात लिमिटेड 2 एमएलडी यानी 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन खरीद रहा है। बृजेश स्टील 7 एमएमएलडी यानी 70 लाख लीटर उपचारित पानी ले रहा है। इसके अलावा तिल्दा में स्थित अडानी ग्रुप की कंपनियां और भिलाई के एनएसपी 18 एमएलडी उपचारित पानी की मांग कर रहा है। इस संबंध में संबंधित संस्था से प्रस्ताव बनाकर चर्चा चल रही है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी बेचने 6 रुपये प्रति किलोलीटर की दर तय की गई है। विदित हो कि निमोरा में 90 एमएलडी, कारा में 35 एमएलडी और चंदनीडीह में 75 एमएलडी पानी को उपचारित कर दोबारा उपयोग लायक बनाकर नदी में छोड़ा जा रहा है, ताकि खारून नदी को दूषित होने से बचाया जा सके। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है, 3 एसटीपी से उनकी क्षमता का 70 फीसदी उपचारित जल औद्योगिक इकाइयों को विक्रय किया जा सकता है। इससे नगर निगम को एसटीपी का बिजली बिल भुगतान करने में आसानी होगी।
सोलर पैनल का है प्रस्ताव
नगर निगम रायपुर अमृत मिशन प्रोजेक्ट प्रभारी अंशुल शर्मा ने बताया कि, अमृत मिशन के तहत खारुन नदी में गिर रहे नालों के सीवरेज का पानी को उपचारित करने 3 जगहों पर लगाये गये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सोलर पैनल का प्रस्ताव है। एसटीपी के बिजली बिल की राशि का भुगतान करने शासन से अधोसंरचना मद में राशि की मांग कर रहे हैं।