रायपुर। स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थ किए गए 66 डॉक्टर ज्वाइनिंग देने के बाद गायब हो गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि ऐसा नहीं किए जाने पर उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा तमाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक की ओर से इन चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सों को स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों में आपात चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के रूप में पदस्थ किया गया था। इनमें से अधिकतर लोगों ने ज्वाइनिंग दी और उसके बाद बिना कारण बताए अनुपस्थित हो गए। कारण बताओ नोटिस के दायरे में आए 38 डाक्टर ऐसे हैं, जिनकी अनुपस्थिति को तीन साल से अधिक का समय बीत गया है। इन चिकित्सकों को अपने पदस्थापना स्थल पर सात दिन के भीतर उपस्थित होने और कार्यालय प्रमुख के माध्यम से अनुपस्थित होने की वजह स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। चेतावनी दी गई है कि इस अवधि में उनके उपस्थित नहीं होने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
ज्यादातर पीजी करने गए
सूत्रों के मुताबिक जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें ज्यादातर चयनित होने के बाद पीजी की पढ़ाई करने चले गए। नियम के मुताबिक इन छात्रों को पढ़ाई के लिए विभागीय स्तर पर अनुमति लेनी पड़ती है। इनमें से कई के दस्तावेज जिला और संचालनालय स्तर पर लंबित है। इसके साथ कुछ चिकित्सा ऐसे भी हैं, जिन्होंने बिना बताए नौकरी छोड़ दी है। तीसरा तर्क यह भी है कि चिकित्सा छात्रों को दो साल का अध्ययन अवकाश दिया जाता है, जबकि पाठ्यक्रम तीन साल का होता है। इसकी वजह से भी वे पुनः अपने कार्यस्थल पर समय पर उपस्थित नहीं हो पाते।