रायपुर- भव्य राम मंदिर निर्माण महामहोत्सव के मौके पर श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में भी शांति विधान का आयोजन किया गया। पंचायत ट्रस्ट ने विश्व में शांति सद्भावना और समृद्धि बनाए रखने के लिए यह आयोजन किया है। भारत देश में निरंतर धर्म की धारा बहती रहे, इसके लिए भगवान बेदी के समक्ष शांति विधान का कार्यक्रम किया गया।
बता दें, श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में सर्वप्रथम शांति नाथ भगवान का अभिषेक रजत कलश से किया गया। साथ ही चमत्कारिक शांति धारा बहती हुई नजर आई, इस शांति धारा को करने का सौभाग्य ट्रस्टी सनत कुमार और महेंद्र कुमार जैन को मिला था। सभी रामभक्तों ने अपने-अपने परिवार के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की, इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरषों के साथ बच्चे उपस्थित रहे।
विशेष अभिषेक शांति धारा पूजन...
4 जनवरी को श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर भगवान का रजत कलश से अभिषेक किया गया था। मालवीय रोड स्थित इस मंदिर में पंचायत ट्रस्ट की तरफ से भगवान का अभिषेक बेहद शांतिपूर्ण माहौल के साथ खत्म किया गया है। इस दौरान ट्रस्ट कमेटी के उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने बताया कि, हर महीने पड़ने वाली अष्टमी और चतुर्दशी का दिन विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। अष्टमी और चतुर्दशी के दिन सभी दिगंबर जैन मंदिरों में विशेष पूजन अनुष्ठान और विधान आदि का आयोजन किया जाता है।
चमत्कारिक शांति धारा...
बता दें, इन दिनों विशेष अभिषेक शांति धारा पूजन किया जाता है। जिसमें आज बड़े मंदिर में प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान का रजत कलशों से अभिषेक के बाद रिद्धि-सिद्धि चमत्कारिक शांति धारा करने का सौभाग्य संजय जैन सतना प्रेमी परिवार को मिला हुआ था। वहां उपस्थित सभी प्रेमी बंधुओं ने संगीतमय मंगल आरती की, अष्टद्रव्यों से पूजन कर महाअर्घ चढ़ाया, इसके बाद अंत में विसर्जन पाठ कर विसर्जन भी किया गया था। इस अवसर ट्रस्ट कमेटी के ट्रस्टी संजय जैन सतना उपाध्य क्ष श्रेयश जैन बालू प्रवीण जैन,सुरेश मोदी, बंटी जैन,प्रणीत जैन,सुजीत जैन,किशोर जैन कृष जैन एवं बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थीं।
98 वर्ष कब पूरे हुए थे...
22 दिसंबर को जैन मंदिर में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर जी की स्थापना को 98 वर्ष पूरे हो गए थे। इस अवसर पर मंदिर में शांतिनाथ भगवान के पंचकल्याणक कराकर समाज के सदस्यों ने श्रीजी को वैदिका पर विराजमान कराया था। नवापारा राजिम में दिगंबर जैन समाज की धरोहर यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। मंदिर की स्थापना दिवस समाज ने उत्साह के साथ मनाया। प्रात मंदिर की में शांतिनाथ भगवान का पूजन अभिषेक किया गया था।