भिलाई। छत्तीसगढ़ भिलाई में एक कांग्रेस पार्षद का वीडियो जमकर वायरल रहा है। जिसमे वे 20-20 रुपये लेकर महतारी वंदन योजना का फॉर्म साइन कर रही है। वीडियो में जब उनसे पूछा गया तो की वो ऐसा क्यों कर रहीं हैं तो कहा कि, पूरा दिन बैठकर काम करती हूं तो 20 रुपए लेने में क्या गलत है। कांग्रेस पार्षद का नाम ईश्वरी साहू है और अब उनकी एमआईसी सदस्यता रद्द कर दी गई है। 

कांग्रेस पार्षद ईश्वरी साहू

इस पूरे मामले को लेकर रिसाली मेयर शशि सिन्हा ने एक्शन लेते हुए पार्षद की महापौर परिषद की सदस्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया है। दरसअल महिला बाल विकास विभाग और आजीविका मिशन प्रभारी ईश्वरी साहू का कुछ दिन पहले एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें वो मैरिज सर्टिफिकेट में साइन करने के लिए 20-20 रुपए लेते हुए दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो में वो ये स्वीकार भी कर रही हैं कि, वो पूरा दिन बैठकर काम करती हैं तो 20 रुपए लेने में कोई गलत नहीं है।

बीजेपी पार्षदों ने की बर्खास्तगी की मांग 

मामले का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और उनको हटाने की मांग करने लगे। निगम के भाजपा पार्षद धर्मेंद्र भगत ने मामले की शिकायत दुर्ग संभागायुक्त कार्यालय में की। शिकायत में उन्होंने वार्ड-15 की कांग्रेस पार्षद और एमआईसी मेंबर ईश्वरी साहू के खिलाफ निगम अधिनियम 1956 की धारा 19 (अ) के तहत बर्खास्तगी की मांग की थी।

महापौर ने की एमआईसी सदस्यता समाप्त

मामला उजागर होने के बाद पार्षद के साथ कांग्रेस पार्टी की भी जमकर किरकिरी हो रही थी। इसे देखते हुए महापौर ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए रविवार देर शाम ईश्वरी साहू की एमआईसी सदस्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया है। ईश्वरी साहू वार्ड 15 मौहरी मरोदा से पार्षद चुनाव जीती थीं। महापौर शशि सिन्हा ने उन्हें शहर सरकार में शामिल कर महापौर परिषद में शामिल किया था। विपक्ष के पार्षदों ने लेन-देन की शिकायत को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपकर ईश्वरी साहू को हटाने की मांग की थी।

महापौर बोले- योजना पूरी तरह निशुल्क

पैसे लिए जाने की बात को लेकर जब हमारे संवाददाता ने भिलाई नगर निगम के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव से बात की तो उन्होंने कहा कि, महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। ये पूरी तरह से निशुल्क है। इसका आवेदन हर महिला को करना है। आवेदन करने के लिए फॉर्म और प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है। किसी को एक रुपए भी नहीं देना है। यदि कोई पैसों की मांग करता है, तो उसकी शिकायत जोन आयुक्त से करें।