अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर में इन दिनों अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्करों का गैंग काफी सक्रिय हो गया है। लकड़ी कटाई के नियमों में किये गए सरलीकरण का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। प्रशासन को सूचना दिए बगैर ये लकड़ी तस्कर ग्रामीणों से सांठगांठ कर अवैध रूप से लकड़ी कटाई कर रहे है। कटाई के बाद तस्कर इसे चोरी छिपे दूसरे राज्यों में ले जाकर खपाते है। जिसके बदले इन्हें मोटी कमाई होती है। कार्यवाही के अभाव में लकड़ी तस्कर बेखौफ होकर अपने मंसूबो को अंजाम दे रहे हैं। लकड़ी तस्करी से होने वाली मोटी कमाई के चक्कर मे कई बार इन तस्करों के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो चुकी है।

विदित हो कि इन दिनों क्षेत्र में अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्करों का गैंग काफी सक्रिय हो गया है। लकड़ी तस्करों के यह गैंग दिल्ली हरियाणा उत्तरप्रदेश समेत अन्य कई प्रांतों से आकर क्षेत्र में अपना डेरा जमा रखा है। ये तस्कर स्थानीय दलालों के माध्यम से भोलेभाले ग्रामीणों को पहले अपन झांसे में लेते है। उसके बाद उनके निजी भूमि पर लगे पेड़ को औने पौने दामों पर खरीद लेते है। जिसे बाद में वो चोरी छिपे बाहर ले जाकर खपाते है। जिसके बदले उन्हें काफी मोटी कमाई होती है। लकड़ी की होने वाली इस मोटी कमाई के चक्कर मे क्षेत्र में अंतर्राज्यीय तस्करों की क्षेत्र में लगातार घुसपैठ बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से इन तस्करों के बीच कई बार टकराव की स्थिति निर्मित हो चुकी है। इनके विरुद्ध समय रहते अगर कार्यवाही नही की गई तो आने वाले दिनों में ये क्षेत्र के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते है। 

बिना अनुमति कर रहे कटाई 

निजी भूमि पर स्थित पेड़ कटाई को लेकर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किये गए सरलीकरण के कारण क्षेत्र में ये स्थिति निर्मित हुई है। इस सरलीकरण के तहत भूमिस्वामी को अपनी भूमि पर लगे पेड़ काटने के लिए एसडीएम को आवेदन देना पड़ता है। आवेदन के बाद एसडीएम कार्यालय से अनुमति मिलती है।जिसके बाद वो अपना पेड़ काट सकते है। अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्कर इसी सरलीकरण का नाजायज फायदा उठा रहे है। वो भूमिस्वामी से सांठगांठ कर बिना अनुमति के ही पेड़ो की कटाई कर रहे है। गाहे बगाहे किसी ने एकाध अनुमति ले भी ली तो उसके आड़ में कई जगहो के पेड़ों की कटाई कर लेते हैं। जिसे बाद में वो दिल्ली हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों में ले जाकर खपाते है।जिसके बदले उन्हें मोटी रकम मिलती है। इसी मोटी रकम के चक्कर मे यहां दिनों दिन लकड़ी तस्करों की फौज खड़ी होते जा रही है। जो आने वाले दिनों में कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है।इसके साथ यह क्षेत्र के लिए भी घातक साबित हो सकती हैं।

वन विभाग ने खड़े किये हाथ 

क्षेत्र में सक्रिय अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्करों द्वारा अवैध रूप से की जा रही लकड़ी तस्करी के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर वन विभाग ने हाथ खड़े कर दिए। भारी मात्रा में अवैध लकड़ी भरकर उत्तरप्रदेश जा रही वाहन पर कार्यवाही के लिए सबसे पहले वन विभाग को सूचित किया गया था। किंतु वन विभाग के अधिकारियों ने इसे वन विभाग से बाहर का मामला बताकर कार्यवाही करने से इंकार कर दिया।

वन विभाग ने जब्त किये वाहन 

अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्करों द्वारा प्रशासन की अनुमति बगैर अवैध रूप से की गई लकड़ी कटाई एवं परिवहन पर एसडीएम रवि राही ने सख्ती दिखाई है।मुखबिर की सूचना के बाद एसडीएम ने अवैध लकड़ी कटाई एवं परिवहन में लिप्त वाहन के विरुद्ध वन विभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए थे। जिसके बाद वन विभाग ने भारी मात्रा में अवैध लकड़ी समेत परिवहन में लिप्त वाहन क्र UP 70 JT 7361 को जब्त कर लिया है। जिसे तस्करों द्वारा उत्तरप्रदेश ले जाया जा रहा था। प्रशासन एवं वन विभाग की इस संयुक्त कार्यवाही से अंतर्राज्यीय लकड़ी तस्करों में हड़कंप मच गया है।