रायपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों के सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों में जाने वालों की संख्या अब एक रजिस्टर में दर्ज की जाएगी। यह संख्या रोज वहां जाने वालों की होगी। इसके बाद शौचालय उपयोगकर्ताओं का यह डाटा नगरीय निकायों के स्वच्छतम पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।

दरअसल, स्वच्छ  शौचालय अभियान का एक हिस्सा है। इसके पीछे वजह ये है कि शौचालयों का मूल्यांकन किया जाए और वहां सफाई के साथ सुधार किया जाए। खास बात ये है कि,  अभियान के तहत शौचालयों में साईन बोर्ड लगाए जाएंगे और उनकी ब्रांडिग भी होगी। 

शौचालयों का होगा मूल्यांकन और सुधार 

इस अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा नगरीय निकायों को सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का शहर व्यापी पारदर्शी मूल्यांकन मापदंड के अनुसार करने के लिए निर्देश दिए गए है। इसमें स्व सहायता समूह सामुदायिक समूहो, ट्यूलिप, इंटर्नस, एनजीओ को शामिल किया जाएगा, ये मूल्यांकन का काम करेंगे। इसके बाद नगरीय निकायों द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। स्वच्छ शौचालय के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सामुदायिक शौचालयों, सार्वजनिक शौचालयों, यूरिनल पर स्वच्छता अभियान, रखरखाव एवं सौंदर्याकरण के चलिए नगरीय निकायों को प्राथमिकता के आधार पर करने कहा गया है।

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शौचालयों की ब्रांडिंग भी

अभियान के तहत नगरीय निकायों को शौचालयों के संचालन एवं संधारण मॉडल की रूपरेखा तथा उचित साइन बोर्ड एवं ब्रांडिग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इस काम के लिए ओएंडएम मॉडल तैयार किया गया है। यह काम स्व सहायता समूह, एनजीओं या अन्य एजेंसियों के माध्यम से कराया जाएगा। इसके अलावा निकायों द्वारा बीएंड ओएंडटी (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) पद्दति से शौचालयों का संचालन संधारण (ओएंडएम) किया जाएगा। इसी क्रम में शौचालयों में साफ सफाई की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता एजेंसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। नागरिकों की प्रतिक्रिया लेने के लिए माय टायलेट एप बनाया गया है। जिसमें शौचालय की स्थिति पर उपयोगकर्ता की रियलटाइम प्रतिक्रिया दर्ज की जाएगी  ।

ये है मामला

भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 25 दिसंबर तक स्वच्छ शौचालय अभियान राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की तैयारी की है। इस अभियान के छह घटक हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्त, सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत को निर्देश जारी कर अभियान संचालित करने के दिशा निर्देश दिए हैं।

फुटफॉल मैपिंग यानी शौचालय जाने वालों का हिसाब

स्वच्छ शौचालय अभिय के मुख्य रूप से छह घटक है। इनमें से एक फुटफॉल मैपिंग भी है। इसके तहत शौचालय में उपयोगकर्ताओं की वास्तविक संख्या की गणना के लिए संबंधित शौचालय में सेवा प्रदाता संस्था द्वारा नियुक्त केयर टेकर, ऑपरेटर द्वारा एक रजिस्टर में दैनिक शौचालय उपयोगकर्ताओं की संख्या दर्ज की जाएगी। यह जानकारी संबंधित नगरीय निकायों द्वारा स्वच्छतम पोर्टल पर दर्ज करते हुए समीक्षा की जाएगी ।