रविकांत सिंह राजपूत/मनेन्द्रगढ़- ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में तब्दील होने पर राज्य सरकार ने अध्यक्ष बनाया था। जिसको लेकर बवाल शुरू होता हुआ नजर आ रहा है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भाजपा उपाध्यक्ष और भरतपुर जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को पत्र लिखकर कहा कि, अनुसूचित जनजाति पद की महिला को अध्यक्ष बनाना चाहिए। लेकिन यहां पर एक पुरुष का अध्यक्ष बनाया गया है।
अशोक सिंह को अध्यक्ष बनाया गया
भाजपा जिला उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने पत्र के जरिए कहा कि, नगर पंचायत जनकपुर, जनपद पंचायत भरतपुर, जिला एमसीबी में नगर पंचायत की घोषणा के आधार पर ग्राम पंचायत को भंग करते हुये जनकपुर नगर पंचायत की समिति का गठन किया गया। जिसमें अशोक सिंह को अध्यक्ष पद दिया गया है। जबकि ग्राम पंचायत जनकपुर अजजा महिला पद के लिए आरक्षित है। उसमें आदिवासी महिला को ही अध्यक्ष पद दिया जाना चाहिए। क्योंकि नगर पंचायत जनकपुर के अध्यक्ष पद का आरक्षण नहीं हुआ है और जिस आधार पर सामान्य वर्ग को ये दिया गया है, उसे नियम का उल्लघंन करना कहते हैं।
अजजा वर्ग के साथ अन्याय किया गया
दुर्गाशंकर मिश्र ने बताया कि, जिलाध्यक्ष भाजपा अनिल केशरवानी ने मनमाने ढंग से अध्यक्ष और सदस्यों को नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के यहां जो सूची भेजी थी, वो गलत है। जिला अध्यक्ष एमसीबी और जिला संगठन के पदाधिकारियों के अलावा मण्डल जनकपुर के पदाधिकारियों की परमिशन नहीं ली गई है और महिला आदिवासी आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग के पुरूष को अध्यक्ष बना दिया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन आदिवासियों पर विशेष सहानुभूति रखती है।
उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने किया निवेदन
भाजपा जिला उपाध्यक्ष दुर्गाशंकर मिश्र ने लिखे गए पत्र में निवेदन किया है कि, समिति का अध्यक्ष पद किसी महिला आदिवासी को दिया जाना चाहिए जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आदिवासियों को न्याय मिल सकें। भाजपा जिलाध्यक्ष ने पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह को भी भेजी है।
मतदाताओं के अधिकार का हनन किया गया
नगर पंचायत के समिति गठन में भरतपुर सोनहत विधानसभा की क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह का भी अनुमोदन नहीं लिया गया है। जिससे क्षेत्र में के मतदाताओं के अधिकार का हनन और शोषण हुआ है। मतदाताओं में रोश है, आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के प्रति लोगों की आस्था कम होने संभावना है और भाजपा को नुकसान भी हो सकता है।