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लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रशासनिक सुधार के लिए गठित की गई स्थायी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीपीआई को सौंप दी गई है। डीपीआई से यह रिपोर्ट अब शासन के पास जाएगी। 

रुचि वर्मा - रायपुर । छत्तीसगढ़ के सभी आत्मानंद विद्यालयों की आत्मा अब बदलने वाली है। इन स्कूलों में इंग्लिश के साथ ही हिंदी कक्षाएं भी संचालित होगी। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा प्रशासनिक सुधार के लिए गठित की गई स्थायी कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट डीपीआई को सौंप दी गई है। डीपीआई से यह रिपोर्ट अब शासन के पास जाएगी। वहां से मंजूरी मिलते ही इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। 5 मार्च को 9 सदस्यी टीम की बैठक आहुत की गई थी।

रिपोर्ट में पेश किए गए सुझाव के मुताबिक, जिन स्कूलों को आत्मानंद विद्यालयों में कन्वर्ट किया गया है और जहां पूर्ण रूप से इंग्लिश माध्यम की कक्षाएं संचालित हो रही हैं वहां अब हिंदी कक्षाएं भी संचालित होंगी। अर्थात यदि किसी विद्यालय में पहली से बारहवीं तक इंग्लिश माध्यम की कक्षाएं संचालित हो रही हैं तो यहां पहली से बारहवीं तक हिंदी माध्यम की भी कक्षाएं लगेंगी। इस तरह से स्वामी आत्मानंद विद्यालय अब पूर्ण रूप से इंग्लिश माध्यम विद्यालय नहीं रह जाएंगे। इसके स्वरूप में बदलाव किया गया है।

सत्र 2024-25 से व्यवस्था

तीन माह पश्चात नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो जाएगा। सत्र 2024-25 से ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। बदलाव किस तरह से लागू किया जाएगा, इसे लेकर रणनीति बन रही है। वर्तमान में आत्मानंद विद्यालयों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाते हैं। सीट से अधिक आवेदन होने पर लॉटरी के जरिए छात्रों का चयन किया जाता है। आत्मानंद विद्यालयों को लेकर पालकों में इतना क्रेज है कि अधिकतर स्कूलों में सीट से दोगुने आवेदन मिलते रहे हैं। राजधानी के कई स्कूलों में 12 गुना तक अधिक आवेदन बीते सत्रों में मिले हैं। हिंदी माध्यम की कक्षाओं में प्रवेश की व्यवस्था किस तरह होगी, इसकी रूपरेखा बनाई जाएगी।

नहीं रहेगी समिति

आत्मानंद विद्यालयों के संचालन के लिए बनी समितियां बंद करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। प्रशासनिक कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में स्वामी आत्मानंद विद्यालयों के संचालन संबंधित सुझाव भी दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, जिस तरह से पूर्व में शासकीय विद्यालयों का संचालन किया जाता रहा है, उसी तर्ज पर स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में भी संचालन व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पृथक समिति जैसी कोई चीज अब नहीं रहेगी।

 

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